जबलपुर। मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था ना केवल चरमरा चुकी है बल्कि बदनाम हो रही है। मेडिकल यूनिवर्सिटी में परीक्षा कांड, नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता कांड यहां तक की जबलपुर में स्थित शासकीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में डीन की नियुक्ति के लिए भी हाई कोर्ट में याचिका लगाई जा रही है और हाई कोर्ट को नोटिस जारी करने पड़ रहे हैं।
मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय के सचिव को हाईकोर्ट ने तलब किया
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकलपीठ ने प्रभारी डीन पर मनमाने और नियम विरुद्ध निर्णय लेने के आरोप के संबंध में भी स्पष्टीकरण तलब किया है। इस सिलसिले में मध्य प्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, संभागायुक्त जबलपुर व प्रभारी डीन डा. गीता गुईन को नोटिस जारी किए गए हैं।
NSCBMC JABALPUR- के डीन की नियुक्ति में गड़बड़ी
Netaji Subhash Chandra Bose Medical College Jabalpur के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डा. संजय कुमार तोतड़े द्वारा याचिका प्रस्तुत की गई है। न्यायालय में अधिवक्ता श्री विपिन यादव ने उनका पक्ष रखा। श्री यादव ने दलील दी कि याचिकाकर्ता मेडिकल कालेज का सबसे वरिष्ठ प्राध्यापक हैं, इसके बावजूद उनसे कनिष्ठ डा. गीता गुईन को प्रभारी डीन बनाया गया है।
डा. गीता गुईन के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका
डा. गीता गुईन कई ऐसे नीतिगत और वैधानिक फैसले ले रही हैं, जो उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों की प्रकृति के विपरीत हैं। उनका दर्जा प्रभारी डीन का है, ऐसे में उन्हें व्यापक प्रभाव वाले नीतिगत और वैधानिक निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शासकीय अधिवक्ता उक्त आरोपों व डीन की पूर्णकालिक नियुक्ति के संबंध में राज्य शासन से निर्देश लेकर अवगत कराएं।
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