Legal Advice- एकपक्षीय डिक्री आदेश को निरस्त करवाने की प्रक्रिया जानिए, CPC 1908 order 9 rule 13

Bhopal Samachar
जब किसी व्यक्ति के सिविल अधिकार का हनन होता है या कोई सिविल मामला होता है जैसे:-क्षति पूर्ति मांग, विवाह विच्छेद, संपत्ति दावा आदि तब उसे सिविल न्यायालय में अपना वाद दायर करना होता है। ऐसे मामलों में कई बार सिविल न्यायालय द्वारा एकपक्षीय निर्णय सुना दिया जाता है। तब प्रतिवादी उस निर्णय को निरस्त करने के लिए वादी या प्रतिवादी कब एवं किस न्यायालय में आवेदन देगा जानिए।

सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश 09 के नियम क्रमांक 13 की परिभाषा

अगर किसी सिविल कोर्ट द्वारा एकपक्षीय डिक्री, आदेश आदि पारित कर दिया गया है, तब प्रतिवादी या वादी कोई भी उस डिक्री या आदेश को अपास्त (निरस्त) करने के लिए उपर्युक्त नियम के अंतर्गत आवेदन कर सकता है।

ऑडर, डिक्री, निर्णय को निरस्त करने के आधार

1. सुनवाई की तारीख का नोटिस पक्षकारों को तामील नहीं किया गया हो।
2. जब सुनवाई हो रही हो तब न्यायालय में पक्षकार अनुपस्थिति का उचित कारण बताए जैसे कि रेलगाड़ी का विलम्ब से आगमन, बीमारी या दुर्घटना के कारण, विरोधी का कपट, वकील द्वारा केस डायरी का गलत बताना आदि।

डिक्री, आदेश, निर्णय अपास्त करने की परिसीमा क्या है जानिए

CPC के आदेश 09 के नियम 13 के अंतर्गत डिक्री अपास्त करने का आवेदन करने की परिसीमा 60 दिन के भीतर की हैं एवं आदेश, डिक्री निरस्त का आवेदन उसी न्यायालय में प्रस्तुत होगा जिस न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया था। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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