प्राचीन काल में जब व्यक्ति को पढ़ना लिखना नहीं आता था तो अंगूठा लगाते थे, फिर हस्ताक्षर करने लगे वर्तमान समय में डिजिटल हस्ताक्षर मतलब आधार ekyc द्वारा होता है। न्यायालय के समक्ष जब ऐसे प्रकरण आते जिसमे व्यक्ति के हस्ताक्षर नमूना या हस्तलेख की जांच करना हो तब मजिस्ट्रेट किस कानून के अंतर्गत इनको न्यायालय में मांगा सकता है जानिए।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 311 (क) की परिभाषा
जब कोई मामला प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अन्वेषण, जाँच पर है तब मजिस्ट्रेट को अगर लगता है कि आरोपी के हस्ताक्षर नमूना, हस्तलेख या अंगूठा निशान, हैडराइटिंग साक्ष्य के लिए आवश्यक है तब मजिस्ट्रेट आदेश दे सकता है उपर्युक्त हस्ताक्षर नमूना, हैडराइटिंग को न्यायालय में लेकर उपस्थित हो।
नोट:- लेकिन अगर कोई व्यक्ति गिरफ्तार नहीं किया गया है तब यह धारा ऐसे व्यक्ति पर लागू नहीं होगी, क्योंकि यह धारा गिरफ्तार व्यक्ति पर ही लागू होगी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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