भारतीय ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति भगवान सूर्य का पर्व है। सूर्य देव ही सृष्टि का पालन और संचालन करते हैं। सूर्य ऊर्जा का प्रतीक है और सूर्य की अनुपस्थिति में किसी भी चीज का विकास नहीं होता। मकर संक्रांति के दिन विधिवत स्नान और दान करके भगवान सूर्य को प्रसन्न करने की विधि का उल्लेख किया गया है। इसमें ब्राह्मणों को दक्षिणा देने का विधान नहीं है इसलिए हम कह सकते हैं कि यह परंपरा किसी ने अपना लालच पूरा करने के लिए नहीं बनाई।
- सफलता प्राप्ति के लिए मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और निर्धन नागरिकों को तेल एवं पूर्व प्रदान करें। आप देखेंगे कि आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होने लगेगी और यही आपकी सफलता का कारण होगा।
- मनोकामना पूर्ति के लिए मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल स्नान एवं भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद शिवलिंग का जलाभिषेक करें। भगवान शिव का श्रंगार करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूर्ण होती है।
- संकट और समस्याओं से मुक्ति के लिए मकर संक्रांति के दिन प्रात काल स्नान शुभम भगवान सूर्य को अर्घ्य के बाद पीपल की जड़ में जल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्याएं दूर हो जाती हैं एवं सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।
मकर संक्रांति के दान से कुंडली के ग्रह दोषों की से मुक्ति
- मकर संक्रांति के दिन कुंडली में स्थिति शनि, बुध, सर्य और चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए जरुरदमंदों को खिचड़ी खिलाएं।
- गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत करने के लिए गुड़ का दान करें।
- राहु दोष से मुक्ति के लिए कंबल का दान करें।
- इस दिन तिल दान का भी बहुत महत्व है।
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