जबलपुर। जनजातीय कार्य विभाग में चयनित और नियुक्त माध्यमिक शिक्षकों को लोक शिक्षण संचालनालय, स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति से वंचित या अपात्र किए जाने के विरूद्ध विवेक राठौर, ब्रजेश मौर्य, भरत यादव एवम अन्य माध्यमिक शिक्षकों ने उच्च न्यायालय जबलपुर में आयुक्त लोक शिक्षण के विरुद्ध याचिका दायर कर दी है।
अभय वर्मा IAS पर संविधान के अनुच्छेद 14 एवम 16 उल्लंघन का आरोप
माध्यमिक शिक्षकों की ओर से पैरोकार उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी के अनुसार, दोनों विभागों के भर्ती नियमों एवं अन्य संशोधित भर्ती नियमों एवम चयन प्रक्रिया को शासित करने वाले आदेशों में ऐसा कोई प्रतिबंध नही है कि आदिवासी विकास में नियुक्त शिक्षक, स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति हेतु पात्र नही है। अतः शासन का यह कार्य संविधान के अनुच्छेद 14 एवम 16 उल्लंघन है।
जब कोई नियम ही नहीं है तो आदेश जारी कैसे किया
आदिवासी विकास में नियुक्त शिक्षक, स्कूल शिक्षा के विभागीय आदेशों के पालन में ही चयन प्रक्रिया में शामिल हुए थे। आदिवासी विकास में नियुक्त शिक्षकों को, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति प्राप्त करने हेतु, वैध पात्र होने के उपरांत भी, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति हेतु अपात्र करना, एक कृत्रिम वर्ग का निर्माण करना है, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है जो कृत्रिम वर्गीकरण को निषिद्ध करता है। मेरिट सूची में उच्च स्थान प्राप्ति के बाद, ऐसा कोई नियम नहीं है, जिससे आदिवासी विकास में नियुक्त शिक्षक, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति से वंचित किए जा सकें।
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