भोपाल। मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में सभी कर्मचारियों की उपस्थिति मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से लगती है। अब चिकित्सा विभाग में भी सभी कर्मचारियों की अटेंडेंस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से लगेगी। उनका जीपीएस रिकॉर्ड रहेगा जिसमें पता चलेगा कि वह कितनी देर अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी कर एक सप्ताह में इस पर अमल कराने के निर्देश सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन को दिए हैं। सात जनवरी के बाद यह अनिवार्य हो जाएगा। इस एप से डाक्टरों की लोकेशन भी पता चल सकेगी। एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले डाक्टरों और कर्मचारियों का वेतन रोका जाएगा।
बता दें कि कुछ विभागों में पहले से ही सार्थक एप का उपयोग इसके लिए किया जा रहा है। कुछ जिलों में कलेक्टरों ने भी सभी विभागों में इसे लागू कराया है। डाक्टरों के समय पर नहीं आने से मरीजों की परेशानी को देखते हुए विभाग ने यह कदम उठाया है।
इससे एक लाभ यह भी होगा कि डाक्टर समेत सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी छुट्टी के लिए आवेदन कर सकेंगे। साथ ही शासन से किसी भी प्रकार का पत्राचार इस एप से हो जाएगा। सामान्य निर्देश भी शासन की तरफ से एप में उपलब्ध कराए जा सकेंगे।