जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत सचिव के उस ट्रांसफर आर्डर को स्थगित कर दिया जो उसकी मर्जी के बिना किया गया था। पंचायत सचिव ने अपने तबादले के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था जबकि डिपार्टमेंट ने उनका ऐच्छिक स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने नोटिस जारी करके मध्यप्रदेश शासन से पूछा है कि जब कर्मचारी ने आवेदन ही नहीं किया तो उसका स्थानांतरण ऐच्छिक कैसे हो गया।
श्री अमित पांडेय, पंचायत सचिव ग्राम रेरुआ खुर्द ब्लॉक- नागौद जिला सतना मे पदस्थ हैं। श्री पांडेय का ट्रांसफर रेरुआ खुर्द से जनपद पंचायत नागौद कथित रूप से उनके स्वयं के खर्चे पर दिनाँक 26/12/2022 को पंचायत राज आयुक्त द्वारा कर दिया गया था।
चूंकि, श्री अमित पांडे द्वारा विभाग के समक्ष स्वेच्छिक़ ट्रांसफर हेतु किसी प्रकार का आवेदन नही दिया गया था। अतः उनके द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका ट्रांसफर के विरुद्ध दायर की गई थी।
उनकी ओर से उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी एवं अमर गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि स्वयं के खर्चे पर ट्रांसफर या स्वेच्छिक़ ट्रांसफर की प्रक्रिया ट्रांसफर नीति में निर्धारित है। उस प्रक्रिया के पालन में याचिकाकर्ता द्वारा स्वेच्छिक़ ट्रांसफर हेतु किसी प्रकार का आवेदन नही दिया गया है। अतः ट्रांसफर या तो त्रुटिपूर्ण या द्वेषपूर्ण है।
कोर्ट ने सहमत होकर, ट्रांसफर आदेश को स्टे कर विभाग को नोटिस जारी किए हैं।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।