MP NEWS- तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर करने वाले रीडर को 10 साल की जेल

Bhopal Samachar
नीमच
। श्रीमति सोनल चौरसिया, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच के द्वारा तहसीलदार के रीडर आरोपी जगदीश पिता खड़गसिंह मुवेल, उम्र-52 वर्ष, वर्तमान निवासी-ग्राम तारापुर, तहसील धरमपुरी, जिला धार को तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर करने का दोषी घोषित किया गया। राजस्व विभाग के कर्मचारी मुवेल मोबाइल को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। 

नीमच के जगदीश खड़ग सिंह मुवेल को किस धारा में कितनी सजा 

  • धारा 467 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000रू अर्थदण्ड, 
  • धारा 420, 468 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000रू अर्थदण्ड, 
  • धारा 465 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 02 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000रू अर्थदण्ड व 
  • धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 1 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। 

नामांतरण के आदेशों में तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर करता था

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक श्री इमरान खॉन द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी वर्ष 2006 से 2014 तक तहसील कार्यालय नीमच में तहसीलदार के रीडर के पद पर पदस्थ रहा है। इसी अवधि के दौरान आरोपी द्वारा नामांतरण के प्रकरणों में तत्कालीन तहसीलदार राजेन्द्र लोहारिया एवं धर्मराज प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए आदेश पत्रिका तैयार की गई हैं एवं गोपालदास बैरागी नाम के व्यक्ति के कथनों पर तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर किये और गोपाल भील की ग्राम बोरखेडी पानडी स्थित पट्टे की भूमि को मदनलाल बाछंडा व मांगूलाल भील की ग्राम गिरदौड़ा स्थित भूमि को मांगू भील के नाम नामांतरण किये जाने का फर्जी आदेश जारी किया गया। 

अज्ञात शिकायत के आधार पर आरोपी के विरूद्ध विभागीय जांच के उपरांत वर्ष 2014 में थाना नीमच केंट में अपराध क्रमांक 228/2014 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया, दोनों तत्कालीन तहसीलदारो के बयान लिए गये एवं फर्जी दस्तावेजों की जांच उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 

विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में दोनों तहसीलदारों सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुवे उसे कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन क्या गिरा किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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