कटनी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के अंतर्गत संचालित इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की परियोजना के अंतर्गत फ्री सर्टिफिकेट कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। इस कोर्स को करने वाले युवाओं को स्मॉल बिजनेस एवं स्टार्टअप के गुर सिखाए जाएंगे। क्वालीफाई करने वालों को MSME के तहत लोन दिलवाया जाएगा। कुल 18 जिलों में 21000 युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कौन-कौन से बिजनेस प्रोजेक्ट सिखाए जाएंगे
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए परियोजना की प्रोफेसनल इंस्ट्रक्टर सुश्री खुशबू तिवारी ने बताया कि 64-कलाओं आधारित सांस्कृतिक स्टार्टअप, सोलह सिंगार स्टार्टअप, हर्बल ब्यूटी - डेकोरेटिव प्रोडक्ट्स फैशन एसेसरीज आधारित मातृशक्ति उधमिता, 108 जड़ी-बूटी आधारित हर्बल स्टार्टअप, मोटाअनाज आधारित 1008 भारतीय व्यंजनों का रेडी टू ईट स्टार्टअप, छप्पन-भोग खानपान उद्यमिता, 108 भारतीय मसाला स्टार्टअप, वनौषधि- आयुष स्टार्टअप, ट्रेडिंग, जनजातीय उधमिता, हथकरघा-बुटीक गारमेंट्स स्टार्टअप, हस्तशिल्प, गोबर उत्पाद, पूजन सामग्री स्टार्टअप, फूड प्रोसेसिंग स्टार्टअप, शिल्प एवं हथकरघा, डेयरी स्टार्टअप, बेकरी स्टार्टअप, महुआ स्टार्टअप, जैव उर्वरक स्टार्टअप, घरेलू / दैनिक उपयोग की वस्तुओं का स्टार्टअप, चमरा - फुटवियर, बायोप्लास्टिक स्टार्टअप, स्पोर्ट्स आइटम स्टार्टअप्स, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक स्टार्टअप, सेमीकंडक्टर - मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक स्टार्टअप, नेचुरोपैथी एक्यूप्रेशर स्टार्टअप, संगीत एवं मनोरंजन उपकरण स्टार्टअप, रियल स्टेट सामग्री आधारित स्टार्टअप, रोबोटिक - 3डी प्रिंटिंग, सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन, बैटरी इलेक्ट्रिकल वाहन स्टार्टअप सहित युवाओं के अभिरुचि के अनुसार बिजनेस स्किल्स कोर्स सिखाए जाएंगे।
महाकौशल प्रांत में 12 लाख करोड रुपए का नया कारोबार शुरू होगा
खुशबू ने कहा कि कुल 21-हजार एमएसएमई/ स्टार्टअप को महाकौशल प्रांत के विभिन्न जिलों (कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनुपपुर, पन्ना, छतरपुर, नेवाड़ी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, छिन्दवाड़ा, सागर, शिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, दमोह इत्यादि) में शुरू करवाने का लक्ष्य है। इससे महाकौशल प्रांत में लगभग 12 लाख करोड़ का व्यापार शुरू हो सकेगा।
सर्टिफिकेट इन स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट- एडमिशन
पंजीयन कर प्रशिक्षण लेने वालों को “सर्टिफिकेट इन स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट” प्रदान किया जायेगा, इस सर्टिफिकेट का उपयोग विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता / लोन, औद्योगिक भूमि या क्लस्टर के आवंटन के लिए युवा कर सकेंगे। इलेक्ट्रोनिकी मंत्रालय भारत सरकार के इस प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक तथा अधिष्ठाता प्रो (डॉ) विकास कुमार सिंह है, जिन्होंने स्वावलंबी पाठ्यक्रम को डिजाईन तथा डेवेलोप किया है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
श्रीमती खुशबू तिवारी
परियोजना व्यावसायिक निदेशक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोधौगिकी मंत्रालय भारत सरकार
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, जिला – अनुपपुर (मध्य प्रदेश)
संपर्क : 9303227718
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