भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लगने से पहले सभी प्रकार की श्रेणियों में फुल एंड फाइनल सेटेलमेंट कर रही है। पार्षद, महापौर, पंच सरपंच, जिला जनपद पंचायत अध्यक्ष और कर्मचारियों को 4% के बाद अब विधायकों की वेतन में ₹40000 की वृद्धि की तैयारी की जा रही है।
मध्य प्रदेश के विधायकों की पेंशन में ₹20000 की वृद्धि
मध्यप्रदेश में ₹3000 में 1 साल के लिए अनलिमिटेड कॉलिंग फ्री मिलती है लेकिन विधायकों को इसके लिए ₹120000 भत्ता दिया जाता है। इसी प्रकार के सभी भत्ते मिलाकर वर्तमान में मध्यप्रदेश के विधायक को ₹110000 मासिक वेतन मिलता है। प्रस्तावित वृद्धि के बाद विधायक का मासिक वेतन ₹150000 हो जाएगा। इस वृद्धि का सबसे ज्यादा फायदा उन्हें मिलेगा जिन्हें या तो 2023 में टिकट नहीं मिलेगा या फिर चुनाव हार जाएंगे। उनकी पेंशन काफी अच्छी हो जाएगी।
सरकार का तर्क- कई राज्यों में बढ़ा दिए इसलिए हम भी बढ़ा रहे हैं
मध्य प्रदेश में सरकारी खजाना खाली है। आंगनबाड़ियों में बच्चों के लिए खिलौने खरीदने तक के पैसे नहीं है। 26 जनवरी पर स्कूलों में बारदाने बेचकर लड्डू बांटे जाएंगे लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री के लिए डेढ़ सौ करोड़ का हेलीकॉप्टर खरीदा जा रहा है और जनता के लिए अपना सर्वस्व लुटाने का संकल्प लेने वाले विधायकों का वेतन और पेंशन बढ़ाया जा रहा है। तर्क दिया जा रहा है कि कई राज्यों में बढ़ा दिया गया इसलिए हम भी बढ़ा रहे हैं। सवाल यह है कि कई राज्यों में तो पुरानी पेंशन भी लागू कर दी गई है, हम क्यों नहीं कर रहे हैं। कई राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली सरकारी एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है, हम क्यों नहीं दे रहे हैं।
कानून में राजनीति से आय का कोई प्रावधान नहीं है
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीति ना तो व्यवसाय है और ना ही पेशा। राजनीति, किसी भी व्यक्ति के जीवन यापन का साधन नहीं है। भारत के किसी भी कानून में राजनीति से आय का कोई प्रावधान नहीं है। यदि कोई नेता जनता की चिंता करता है, जीवन भर जनता के लिए काम करता है तो जनता उसकी चिंता अपने आप करती है। गांधी सुभाष जैसे नेताओं को पेंशन की जरूरत नहीं पड़ती।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।