भोपाल। पॉलीटिकल लीडर्स के खिलाफ मामलों पर विचार करने के लिए गठित की गई एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के खिलाफ वारंट जारी हुआ है। यह वारंट ग्वालियर से अवैध हथियार खरीदी मामले में जारी किया गया है।
लालू प्रसाद यादव निवासी बिहार को 1998 में फरार घोषित किया गया
बताया गया है कि 23 अगस्त 1995 से लेकर 15 मई 1997 के बीच कुल तीन फर्म से हथियार और कारतूस की अवैध खरीद का मामला खुला था। ग्वालियर पुलिस ने इसमें कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें से दो की मौत हो चुकी है, जबकि 14 फरार चल रहे हैं। छह लोगों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। मामले की विवेचना के बाद जुलाई 1998 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। अप्रेल 1998 में पुलिस ने लालू प्रसाद यादव, निवासी बिहार का फरारी पंचनामा तैयार किया था।
यहीं से गफलत बन गई और आरोपी को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मान लिया गया। इसी के बाद मामला ग्वालियर एमपी-एमएलए (सांसद मंत्री और विधायकों की सुनवाई के लिए गठित विशेष कोर्ट) कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समर्थकों का कहना है कि ग्वालियर पुलिस सहित केस से जुड़े जिम्मेदार लोगों ने बिना तस्दीक किए ही मामला कोर्ट के सामने रख दिया। नाम मिलता-जुलता है और आगे बिहार लिखा है। बिना छानबीन मान लिया गया कि ये नाम राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का है।
साक्ष्य से यही आशय लगाया जा रहा
जिला अभियोजन शाखा के एडीपीओ अभिषेक सिरौठिया का कहना है कि 19 जनवरी 2022 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ग्वालियर के न्यायालय से मामला ट्रांसफर होकर मामला स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए कोर्ट में आया था। चूंकि मामला सबज्यूडिश है, इसलिए उसके कंटेंट के बारे में डिटेल विचाराधीन होने के कारण नहीं बताया जा सकता। लेकिन मामले में लालू प्रसाद यादव के संबंध में माननीय न्यायालय द्वारा आदेश दिए गए हैं। वर्तमान उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर उसी से आशय निकाला जा रहा है।