जबलपुर। मध्यप्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों का भर्ती घोटाला शुरू हो गया है। ठेकेदार कंपनी और अधिकारियों की प्राइवेट पार्टनरशिप के चलते आवश्यकता से अधिक कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। कुछ आउटसोर्स कर्मचारी दो कर्तव्य पर उपस्थित भी नहीं होते केवल उनकी हाजिरी जाती है और सैलरी आती है। यह आरोप मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा लगाया गया है।
MP NEWS- आउटसोर्स कर्मचारियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक नहीं होता
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया ही नहीं है। ना तो योग्यता देखी जाती है और ना ही चरित्र प्रमाण पत्र। किसी प्रकार का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं होता। नियुक्त होने वाले कई आउटसोर्स कर्मचारियों के पास ना तो कोई अनुभव है और ना ही विशेषज्ञता। कुछ कर्मचारी तो काम भी नहीं करते।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, योगेश चौधरी, योगेंद्र मिश्रा,सतीश उपाध्याय,अजय दुबे, रजनीश तिवारी, नरेंद्र सैन, सुरेंद्र जैन, संदीप नेमा, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, एस.पी. बाथरे, वीरेन्द्र चन्देल ने कार्यालयों में आऊट सोर्स कर्मचारियों के नाम पर बिना योग्यता,बिना कार्य के ठेकेदार को की जा रही राशि के भुगतान को रोकने की मांग के साथ विभाग के स्थाई कर्मी, कार्यभारित स्थापना और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को योग्यता के अनुसार कार्यालयों के कार्य दिए जाने की मांग की है।
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