जबलपुर। श्यामला हिल्स को खुश करने के लिए आरक्षण नियमों के साथ खिलवाड़ करने के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के डायरेक्टर को व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यदि नहीं किया तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में उपस्थित होना होगा। मामले की अगली सुनवाई नाै फरवरी को होगी।
याचिकाकर्ता अदिति तिवारी व प्रदेश के विभिन्न जिलों के उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पुलिस आरक्षक भर्ती याचिकाकर्ताओं को चयनित उम्मीदवारों से अधिक अंक मिले हैं, फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई। राज्य शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया अनारक्षित महिला और ईडब्ल्यूएस महिला की सीटों को मर्ज कर दिया गया।
इसके बाद फिजिकल टेस्ट में चयनित सभी महिला उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद पूछा है कि आखिर किस नियम के तहत ऐसा किया गया। इस सिलसिले में कर्मचारी चयन मंडल के डायरेक्टर सोच-समझकर नियमानुसार जवाब विधिवत शपथ-पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करें। यदि वे ऐसा नहीं कर पाए तो अगली सुनवाई में स्वयं हाजिर होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कमर कस लें।
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