भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करणी सेना परिवार का आंदोलन अब गंभीर मोड़ लेता जा रहा है। एक तरफ आंदोलनकारियों को मैदान से खदेड़ कर सड़क पर बिठा दिया गया है और उन पर रोड जाम करने का आरोप लगाया जा रहा है दूसरी तरफ भूख हड़ताल पर बैठे जीवन सिंह शेरपुर ने दवाइयां लेने से मना कर दिया है।
परिवर्तन के लिए मेरी जान जरूरी है तो मैं तैयार हूं: जीवन सिंह शेरपुर
भोपाल में करणी सेना परिवार का आंदोलन दिनांक 8 जनवरी 2023 से प्रारंभ हुआ था। जीवन सिंह शेरपुर ने उसी दिन शाम को भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया था। उसके बाद से प्रोटोकॉल के अनुसार लगातार उनका हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। बीते रोज कमजोरी दिखाई देने के बाद डॉक्टर ने उन्हें दवा लेने की सलाह दी। इस पर जीवन सिंह शेरपुर में उनको स्पष्ट संदेश दिया कि, मैं मेडिकल चेकअप इसलिए करवा रहा हूं ताकि आपके मुख्यमंत्री को मेरे हेल्थ अपडेट मिलते रहे लेकिन मैं दवाइयां नहीं खाऊंगा। यदि परिवर्तन के लिए मेरी मौत जरूरी है, तो मैं मरने के लिए तैयार हूं।
प्रदर्शनकारियों को सड़क पर बिठाकर कहते हैं चक्का जाम कर दिया
राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में 6 घंटे प्रदर्शन करने के लिए पुलिस कमिश्नर ने अनुमति दी थी और सरकार ने मैदान का किराया डेढ़ लाख रुपए एडवांस लिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को मैदान से बाहर निकाल दिया गया और भेल कॉलेज से अवधपुरी के रास्ते पर बैरिकेड लगाकर उन्हें निगरानी में ले लिया गया। जंबूरी मैदान में प्रदर्शन करना चाहते हैं परंतु खाली पड़े जंबूरी मैदान में उन को घुसने नहीं दिया जा रहा है उल्टा आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने रास्ता जाम कर दिया है।
करणी सेना परिवार से अवधपुरी के लोगों को कोई आपत्ति नहीं है
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि करणी सेना परिवार के प्रदर्शन से अवधपुरी के लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। प्रेम प्रकाश धनकर, ललित श्रीवास्तव, शैलेंद्र वर्मा, आशुतोष विश्वकर्मा, मोहम्मद गुफरान और ऐसे कई सारे लोगों का कहना है कि यदि वह समानता की बात कर रहे हैं और गरीबों के लिए लड़ रहे हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। वैसे भी कई बेतुके कार्यक्रमों के कारण साल के 100-50 दिन यह वाला रास्ता जाम ही रहता है।
करणी सेना परिवार की आंदोलन को पूरे प्रदेश का समर्थन
इधर करणी सेना परिवार के आंदोलन को पूरे प्रदेश में समर्थन मिल रहा है। या केवल राजपूत समाज का कार्यक्रम नहीं है बल्कि ना केवल सामाजिक संगठन बल्कि बेरोजगार उम्मीदवारों के संगठन और स्टूडेंट्स ग्रुप भी करणी सेना परिवार के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर भी करणी सेना परिवार के मुद्दों से सहमत हैं। अनुसूचित जाति जनजाति के कुछ उम्मीदवारों का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि क्रीमी लेयर तो होना चाहिए नहीं तो हमारी जातियों में भी अमीर और गरीबों के बीच बड़ा अंतर हो जाएगा।
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संघर्ष जारी है🚩🚩
— Virendra Singh Rajput (@Virendr82979631) January 11, 2023
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