भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं डिंडोरी जिले के कलेक्टर श्री विकास मिश्रा एक बार फिर सुर्खियों में है। दिन में ऑफिस का काम निपटाने के बाद रात को अचानक एक छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंच गए। यहां अधीक्षक नशे में टल्ली थे, इसलिए कलेक्टर खुद हॉस्टल में रुक गए। स्टूडेंट से बात की। सरकारी फाइलें निपटाते रहे। अधीक्षक को सस्पेंड नहीं किया बल्कि आरोप पत्र दिया जा रहा है।
MP NEWS- नशे में टल्ली हॉस्टल अधीक्षक की जगह कलेक्टर ड्यूटी पर बैठ गए
डिंडोरी कलेक्टर श्री विकास मिश्रा सोमवार ने नए साल के पहले कार्य दिवस सोमवार 2 जनवरी को दिनभर अपने ऑफिस में बैठकर कामकाज निपटाया और फिर शाम को विशेष पिछड़ी जनजाति छात्रावास निरीक्षण करने पहुंच गए। यहां उन्होंने देखा कि हॉस्पिटल के अधीक्षक श्री फूल सिंह धुर्वे नशे में टल्ली पड़े हुए हैं, तो कलेक्टर खुद हॉस्टल में रुक गए। स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की। हॉस्टल का निरीक्षण किया और फिर जैसे घर पर रात के समय सरकारी कामकाज करते हैं, वैसे ही अपनी फाइलों में खो गए।
छात्रावास अधीक्षक को सस्पेंड नहीं किया, आरोप पत्र देंगे
किसी भी कर्मचारी को निलंबित कर देना उसके लिए कभी नुकसानदायक नहीं होता। क्योंकि प्रशासनिक व्यवस्था में निलंबन कोई सजा नहीं होती। कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा कि वह छात्रावास अधीक्षक को आरोप पत्र देंगे। नियमानुसार उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा और उसके बाद विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इस प्रक्रिया में छात्रावास अधीक्षक को दंड मिलने की संभावना कहीं अधिक है।