जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सागर जिले के कलेक्टर, एसपी, रोहित वर्मा तहसीलदार, ऋषिकांत यादव सीएमओ एवं महेंद्र कुमार SHO सहित गृह विभाग मंत्रालय एवं राजस्व विभाग मंत्रालय के प्रमुख सचिव और मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है कि विनीता गुप्ता का होटल क्यों तोड़ा, जबकि ना तो उसका होटल अतिक्रमण में था और ना ही उसने कोई आपराधिक कृत्य किया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में विनीता गुप्ता सागर की याचिका पर सुनवाई
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकल पीठ में याचिकाकर्ता मकरोनिया, सागर निवासी विनीता गुप्ता की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने अपनी मेहनत से खुद के स्वामित्व वाली भूमि पर पांच मंजिला होटल बनाया था। इस प्रक्रिया में उसके पति को कोई सरोकार नहीं था। दस्तावेजों में भी होटल याचिकाकर्ता के नाम पर ही दर्ज है। इसके बावजूद उसक पति के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर होटल तोड़ दी गई।
विनीता गुप्ता सागर ने 5 करोड़ मुआवजे का दावा ठोका
चूंकि यह रवैया संविधान के विहित प्रविधानों के उल्लंघन की परिधि में आता है, अत: न्याय अपेक्षित है। याचिकाकर्ता को पांच करोड़ का मुआवजा दिए जाने के दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। साथ ही मनमानी कार्रवाई करने वाले दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि याचिकाकर्ता के विरुद्ध महज आंदोलकारियों के दबाव में आकर राजनीतिक दुर्भावनावश कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। इससे उसका आर्थिक नुकसान हुआ है।
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