भोपाल। मध्य प्रदेश के प्रभारी मंत्रियों में यदि कोई सबसे ज्यादा सुर्खियों में बना रहता है तो वह है शिवपुरी के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया। श्री सिसोदिया मध्य प्रदेश के एकमात्र प्रभारी मंत्री हैं जो अपने प्रभार वाले जिले में ध्वजारोहण नहीं कर पाए। पिछले दिनों शिवपुरी एसपी से नाराज हुए थे और मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया था। अब पंचायत मंत्री के लिए चुनौती का नया नाम है, ज्योति लाक्षाकार।
प्रभारी मंत्री ने सस्पेंड किया था, कलेक्टर ने जांच तक नहीं करवाई
नायब तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने प्रभारी तहसीलदार बनाकर कोलारस भेजा था। 21 जनवरी की एक घटना को लेकर उनकी शिकायत हुई। शिकायत के साथ कुछ वीडियो अटैच किए गए। शिकायत प्राप्त होने पर प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने ज्योति लाक्षाकार को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी परंतु कलेक्टर ने प्रभारी मंत्री की बात पर ध्यान नहीं दिया। ज्योति लाक्षाकार को अपने कलेक्टर कार्यालय में वापस बुला लिया। शिकायत की जांच भी शुरू नहीं की गई। इस बार प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से तनातनी हो गई है।
असली लड़ाई J-BJP और M-BJP के बीच में है
कहा जा रहा है कि असली लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के दो गुटों के बीच में है। महेंद्र सिंह सिसोदिया J-BJP यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के नेता है। M-BJP यानी मुख्य बीजेपी के लोग सिसोदिया को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, सिसोदिया आज भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मात्र हैं। भाजपा के कार्यकर्ता नहीं है। हाल ही में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भगवान राम और खुद को उनका हनुमान बताया था।
महेंद्र सिंह सिसोदिया- परिवार और सरकार, चारों तरफ कमजोर
कहा तो यह भी जा रहा है कि महेंद्र सिंह सिसोदिया अपने निर्वाचन क्षेत्र में भी इसी प्रकार की विषम परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपना चुनाव क्षेत्र बदलने की पेशकश की थी। यह नोट करना जरूरी है कि उपचुनाव के समय में महेंद्र सिंह सिसोदिया की स्थिति काफी मजबूत नहीं थी।
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