भोपाल समाचार डॉट कॉम में प्रकाशित होने वाले "खुला-खत" का असर दिखाई दिया है। पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन एवं कैबिनेट मिनिस्टर स्टेटस गौरीशंकर बिसेन ने आरटीओ को अपशब्द वाले मामले में भोपाल आकर, पत्रकारों को बुलाकर माफी वाला बयान जारी किया। ताकि विवाद थम जाए। यहां क्लिक करके वह खुला खत पढ़ सकते हैं।
मंत्री गौरीशंकर बिसेन को मुख्यमंत्री ने तलब किया
मैंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया मेरे स्वभाव में ऐसे शब्द कभी आते ही नहीं। उन परिस्थितियों में जो कठोर शब्द मुझसे निकले वे अच्छे शब्द नहीं थे । उसके लिए मैंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है अभी भी मैं माफी मांग रहा हूं । मैंने एआरटीओ से माफी मांगी है उनकी जूनियर से माफी मांगी। मुख्यमंत्री जी के सामने मैंने अपनी बात रखी (इस मामले में केवल भोपाल समाचार ने माननीय मुख्यमंत्री से सवाल किया था)। मीडिया के माध्यम से पूरे देश के लोगों से माफी मांगता हूं।
बिसेन ने कहा मैं यह भी बताना चाहता हूं कि घटना क्यों हुई, ऐसी परिस्थिति क्यों आई? 10 तारीख को शाम को 5:30 बजे स्पॉट पर उस महिला की मृत्यु हुई। थाने से 3 किलोमीटर दूर वह गांव है। किशोर पालीवाल और उनकी टीम के साथ में यह तय हुआ था कि 9:30 बजे एआरटीओ साहब आएंगे और जिसकी बस से यह घटना हुई है, उनको समझाएंगे। आगे कभी इस प्रकार की घटना ना होने पाए। लेकिन, आरटीओ साहब कलेक्टर के कहने के बावजूद नहीं आए, मैंने भी बात की थी।
उनको शायद डर रहा होगा कि मैं आ रहा हूं। मृतका के देवर की पत्नी लंबे समय तक सरपंच रहीं। जनसंघ के जमाने से उनके पिता हमारे कार्यकर्ता रहे हैं। कांग्रेस क्या कह रही है इस पर मुझे जवाब देने की जरूरत नहीं है। अधिकारियों को गाली देने की जरूरत नहीं है। शिवराज सिंह चौहान का प्रशासन चुस्त और दुरुस्त है। यह तो अचानक हुई घटना है, इसे किसी अन्य विषय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
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