भोपाल। मध्यप्रदेश में 19 नगरों के स्थानीय चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 58% सीटों पर जीत हासिल करके कमलनाथ को एक बार फिर किनारे पर लाकर खड़ा कर दिया। पूरे प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ता एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं परंतु मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के यहां सन्नाटा है क्योंकि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया का संकल्प पूरा नहीं कर पाए और राधौगढ़ में जूनियर दिग्विजय सिंह से चुनाव हार गए।
खुद को हनुमान और सिंधिया को राम बताते हुए राधौगढ़ में चमत्कार का दावा किया था
वैसे तो राधौगढ़ स्थानीय चुनाव से श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की प्रतिष्ठा प्रभावित नहीं होनी चाहिए परंतु चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में उन्होंने खुद ही इस चुनाव को ना केवल अपनी प्रतिष्ठा बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा से भी जोड़ दिया था। एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके लिए भगवान राम की तरह है और वह उनके हनुमान हैं। सेवक का काम होता है अपने प्रभु के संकल्प को पूरा करना। इस बार राघोगढ़ नगरपालिका और विधानसभा चुनाव में चमत्कार होगा।
भाजपा और सिंधिया के बावजूद JV से नहीं जीत पाए, किरकिरी हो गई
राघोगढ़ का चुनाव मध्य प्रदेश की राजनीति में इसलिए भी चर्चा का विषय था क्योंकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधायक जयवर्धन सिंह अकेले मोर्चे पर डटे हुए थे और दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया जैसा दिग्गज नेता था। श्री सिसोदिया, कैलाश वासी माधवराव सिंधिया और दिग्विजय सिंह के साथ के नेता हैं। राजनीति के सारे दांव पर जानते हैं और नगरिया निकाय चुनाव जीतना तो उनके लिए बाएं हाथ का काम होना चाहिए। एक तो खुद दिग्गज, दूसरे कैबिनेट मंत्री, तीसरे श्रीमंत महाराज साहब ज्योतिरादित्य सिंधिया का आशीर्वाद, इसके बाद भी JV से हार गए। किरकिरी तो हुई है।
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