जयवर्धन कोई तोप थोड़ी ना हैं, राघोगढ़ से चुनाव लड़ूंगा: महेंद्र सिंह सिसोदिया
भोपाल। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कृपा से मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री बने महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अपने ताजा बयान में कहा कि, अगर पार्टी मुझे राघौगढ़ से टिकट देगी तो मैं वहीं से चुनाव लडूंगा। जयवर्धन कोई तोप थोड़ी ना हैं। सिसोदिया जैसा सीनियर लीडर यदि यह बयान दे रहा है तो मान लेना चाहिए कि नगर पालिका चुनाव की हार के बाद तिलमिलाहट में दिया गया बयान नहीं है, बल्कि काफी नापतोल कर और नफा नुकसान देखते हुए दिया गया बयान है।
अब छिंदवाड़ा, लहार और पिछोर में दमदार प्रत्याशियों की तलाश
भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में कल ही राघोगढ़ सहित कांग्रेस की सुनिश्चित जीत वाली सीटों पर दमदार प्रत्याशी लड़ाने का फैसला हुआ था। महेंद्र सिंह सिसोदिया ने राघोगढ़ सीट के बारे में भाजपा की चिंता दूर कर दी है। बमोरी विधानसभा सीट की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वहां से तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के आशीर्वाद से कोई भी चुनाव जीत जाएगा। अब पार्टी को केवल कमलनाथ की छिंदवाड़ा, डॉक्टर गोविंद सिंह राजपूत की लहार और केपी सिंह की विधानसभा पिछोर के लिए ऐसे ही दमदार प्रत्याशी की तलाश है।
राघोगढ़ सीट, ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है
राघोगढ़ विजयपुर सिर्फ मध्यप्रदेश का एक कस्बा नहीं है बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का गढ़ है। राघोगढ़ के किले में ही दिग्विजय सिंह का परिवार निवास करता है। राघौगढ़ विधानसभा सीट से उनके उत्तराधिकारी एवं चिरंजीव जयवर्धन सिंह विधायक हैं।
दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बहुत दुख दिए
ज्योतिरादित्य सिंधिया जब तक कांग्रेस में रहे उन्होंने सब कुछ भुला कर दिग्विजय सिंह से एका करने की कोशिश की। वह सब कुछ किया जो राजवंशी परंपरा के अनुसार सिंधिया को नहीं करना चाहिए था। इसके बावजूद जब वक्त आया तो दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की टांग खींच कर चित कर दिया। यह हालात पैदा कर दिए कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस पार्टी छोड़कर जाना पड़ा।
सिलावट से आगे निकल सकते हैं सिसोदिया
यही कारण है कि राघोगढ़ विधानसभा सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। यदि महेंद्र सिंह सिसोदिया राघोगढ़ सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो सिंधिया समर्थक मंत्रियों की लिस्ट में तुलसीराम सिलावट को पीछे छोड़ कर नंबर वन पर आ जाएंगे।
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