जबलपुर। मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में घोटाला उजागर हो जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। नियुक्तियों में भी गड़बड़ी की गई है। इस प्रकार का दावा करते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर सोमवार 9 जनवरी को सुनवाई निर्धारित की गई है।
जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई
याचिकाकर्ता भूपेंद्र कुमार प्रजापति की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, वरिष्ठ आईएएस दिव्या मराव्या ने लगभग एक साल पहले शिकायतों की जांच करके आजीविका मिशन के अधिकारियों व नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट के अधिकारी के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध करने की राज्य शासन से अनुशंसा की थी।
विधानसभा में सवाल उठाए, फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया
इस मामले में विधान सभा में मैहर विधायक नारायण प्रसाद त्रिपाठी ने प्रश्न भी उठाया था। इसके अलावा पंचयात मंत्रालय के पूर्व कैबीनेट मंत्री कमलेश्वर ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण भी कराया गया था। इसके बावजूद सरकार ने अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए जनहित याचिका दायर की गई है।
इनकी नियुक्तियों पर सवाल
सेवानिवृत्त आईएफएस ललित मोहन वेलवाल को प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। राज्य परियोजना प्रबंधक सुषमा रानी शुक्ला, वरिष्ठ आईएएस प्रियंका दास सहित अन्य की भूमिका की जांच पर बल दिया गया है।