आदरणीय महोदय जी, मध्यप्रदेश में 11 वर्षों के बाद प्राथमिक शिक्षक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। जिसमें डीएड, डी.एल.एड के अभ्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षक पदों पर पात्रता परीक्षोपरांत वरीयता दी जाती थी। 2011 की प्राथमिक शिक्षक पदों पर भी बी.एड को बाहर कर दिया गया था व डीएड, डी.एल.एड, डी.पीई अभ्यार्थियों को चयनित किया गया था। वर्तमान में प्राथमिक शिक्षक पदों पर बी.एड अभ्यार्थियों को भी चयनित किया जा रहा है। एनसीटीई ने इनके लिए 6 माह का ब्रिज कोर्स अनिवार्य कर दिया है।
BEd वालों को करना होगा ब्रिज कोर्स-
बीएड वालों को प्राथमिक शिक्षक बनने हेतु 2 वर्ष के अंदर 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा जो कि NIOS करायेगा परंतु यहां इस तथ्य की उपेक्षा नहीं की जा सकती कि बी.एड अभ्यार्थी ब्रिज कोर्स के उपरांत प्राथमिक शिक्षक पद हेतु पात्र माने जायेंगे जबकि डीएड, डी.एल.एड अभ्यार्थी बिना इस कोर्स को किए ही प्राथमिक शिक्षक हेतु पात्र है क्योंकि इनका डिप्लोमा प्रारंभिक शिक्षा हेतु ही बना है इसलिए म.प्र सरकार को पहली प्राथमिकता डीएड, डी.एल.एड अभ्यार्थियों को ही प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतु देना चाहिए।
इसके उपरांत यदि पद शेष रहते है तब ब्रिज कोर्स कर चुके प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यार्थियों की प्राथमिक शिक्षक पदों पर नियुक्ति करना चाहिए क्योंकि पूर्व मे डीएड, डी.एल.एड, बीएड अभ्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से लेकर हाईस्कूल शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाती थी पूर्व मे हाईस्कूल शिक्षक का पद भी वर्ग 2 मे ही था जिसे अब कक्षा 9 से 12 तक वर्ग 1 मे शामिल कर लिया गया इससे डीएड, डी.एल.एड अभ्यार्थियों के पास सिर्फ कक्षा 1 से 8 तक ही नियुक्ति पाने का मौका है।
अब जबकि माध्यमिक विधालयों मे पहली प्राथमिकता गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान विषयों को दी जा रही है तब हमने देखा है कि संस्कृत, विज्ञान,हिन्दी विषयों की माध्यमिक शिक्षक भर्ती मे उपेक्षा की गई क्योंकि हाईस्कूल मे 6 विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक रखें जाते है जिससे इन विषयों के शिक्षकों को अधिक मौका मिलता। मगर अब जब कक्षा 9 से 12 तक वर्ग 1 मे शामिल कर लिया गया है तो प्रारंभिक शिक्षा मे वोकेशनल डिप्लोमा डीएड, डी.एल.एड वालों के लिए माध्यमिक मे हिंदी, विज्ञान, संस्कृत के कम पद होने से मौका नहीं मिला।
ब्रिज कोर्स तो डीएलएड वाले भी कर लेंगे
वहीं यदि बी.एड को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती मे मान्य किया जाता है तो डीएड, डी.एल.एड अभ्यार्थियों के साथ अन्याय होगा या फिर सरकार उनको भी ब्रिज कोर्स कराके वर्ग 1 मे मौका देती तो यह न्यायसंगत होता। इसलिए सरकार को चाहिए की प्राथमिक शिक्षक भर्ती मे डीएड, डी.एल.एड को प्राथमिकता के साथ चयनित किया जाये यदि फिर पद रिक्त रहतें हैं तब बी.एड उपरांत ब्रिज कोर्स पास कर चुके अभ्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षक पदों पर नियुक्ति देना प्रारंभ करना चाहिए।
सादर धन्यवाद
ashish biltharia
ashishbiltharia@gmail.com
अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। इससे पूर्व प्रकाशित हुए खुले खत पढ़ने के लिए कृपया Khula Khat पर क्लिक करें. यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com