नई दिल्ली। सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने ease of doing business को प्रोत्साहित करने तथा डीलरों के जरिये पंजीकृत वाहनों के क्रय-विक्रय में पारदर्शिता लाने के लिये 22 दिसंबर, 2022 को एक अधिसूचना GSR 901(e) जारी की है।
Preowned कारों के कारोबार को कंट्रोल करने का कानून
भारत में प्री-ओन्ड कारों का बाजार धीरे-धीरे तेजी पकड़ रहा है। हाल के वर्षों में, ऑनलाइन बाजार आ गये हैं, जो प्री-ओन्ड वाहनों को खरीदने-बेचने के काम में लगे हैं। इनके कारण इस बाजार में और तेजी आ गई है।
मौजूदा इको-प्रणाली में, कई मुद्दे उठ खड़े होते हैं, जैसे वाहनों के ट्रांसफर के दौरान खरीददार के साथ समस्या, थर्ड पार्टी नुकसान की भरपाई सम्बंधी विवाद, चूककर्ता कौन है, यह तय करने में दिक्कत आदि।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अध्याय III में संशोधन
सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने अब केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अध्याय III में संशोधन कर दिया है, ताकि प्री-ओन्ड कार बाजार के लिये एक समग्र नियामक इको-प्रणाली बनाई जा सके।
प्रस्तावित नियमों के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:-
1. डीलरों की सत्यता की पहचान करने के लिये पंजीकृत वाहनों के डीलरों के लिये प्रमाणीकरण लागू किया गया है।
2. साथ ही, पंजीकृत वाहन स्वामी और डीलरों के बीच वाहन की आपूर्ति की सूचना के लिये प्रक्रिया का खुलासा किया गया है।
3. पंजीकृत वाहन को अपने पास रखने के बारे में डीलरों के अधिकारों और दायित्वों को भी स्पष्ट कर दिया गया है।
4. डीलरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने कब्जे वाले वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र/वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण, पंजीकरण प्रमाणपत्र की सत्य प्रतिलिपि, एनओसी, स्वामित्व के अंतरण के लिये आवेदन कर सकते हैं।
5. नियामक उपाय के तौर पर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन के रख-रखाव सम्बंधी ट्रिप रजिस्टर रखना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें वाहन के उपयोग करने का पूरा विवरण देना होगा। इसमें गंतव्य स्थान, जाने का कारण, ड्राइवर, माइलेज, समय आदि की पूरी जानकारी देनी होगी।
ये नियम पंजीकृत वाहनों के डीलरों/बिचौलियों की पहचान करने और उन्हें अधिकार देने में सहायक होंगे। साथ ही इन वाहनों की खरीद-बिक्री के सम्बंध में धोखाधड़ी से पर्याप्त सुरक्षा भी मिलेगी। Click Here to read the notification in the Gazette of India.