यह बात तो सभी जानते हैं कि मनुष्य का हृदय 1 मिनट में 72 बार धड़कता है परंतु क्या आप जानते हैं कि 1 मिनट में इंसान कितनी बार सांस लेते हैं। भारत के प्राचीन शास्त्रों में लिखा है कि जिसने अपनी सांसों पर नियंत्रण कर लिया वह अपने जीवन पर नियंत्रण कर लेता है। उसकी आयु बढ़ जाती है। आइए आज सांसो की तकनीक को समझते हैं।
सांस लेने और सांस छोड़ने में कितना समय लगता है
एक स्वस्थ मनुष्य को सांस लेने में 2 सेकंड और सांस छोड़ने में 2 सेकंड लगते हैं। इस प्रकार सास की एक प्रक्रिया पूरी होने में 4 सेकंड का समय लगता है। यानी 1 मिनट अर्थात 60 सेकंड में मनुष्य लगभग 15 बार सांस लेते हैं और 15 बार सांस छोड़ते हैं। कुछ लोगों के लिए यह एक आश्चर्यजनक तथ्य हो सकता है कि एक बार सांस लेने के बाद उसके साथ आई ऑक्सीजन मनुष्य के शरीर में लगभग 100000 मील लंबी रक्त वाहिनीयों में पहुंचती है।
दौड़ लगाने पर सांस फूलने क्यों लगती है
जब मनुष्य तेज दौड़ लगाते हैं तो कुछ समय बाद उनकी सांस फूलने लगती है। कुछ लोग जब तेजी से पैदल चलते हैं तब उनकी सांस फूलने लगती है। इसे सामान्य माना जाता है क्योंकि ऐसा ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के कारण होता है। कई बार सामान्य गति से पैदल चलने में अथवा सीढ़ियां उतरने चढ़ने में भी सांस फूलने लगती है। ऐसा तब होता है जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही होती है। फेफड़े और हृदय के अलावा किडनी और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं के कारण भी सांस लेने में परेशानी आ सकती है।
सांस लेने का सही तरीका क्या है
भारत में प्राचीन काल से मेडिटेशन की परंपरा रही है। यह सांसो पर नियंत्रण का सबसे बढ़िया अभ्यास है। सांस को धीमे-धीमे लेकर, धीरे से छोड़ने का अभ्यास करें। हल्की और धीमी सांस लें। नाक से ठंडी वायु के प्रवेश पर ध्यान लगाएं और फिर गर्म श्वास के बाहर निकलने पर। लगातार प्रैक्टिस करने के बाद सांस लेने और छोड़ने की गति धीमी होती चली जाएगी। ऐसा करने से ब्लड प्रेशर हमेशा कंट्रोल में रहेगा।
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