Amazing facts about Hindi language
आरंभ और प्रारंभ, हिंदी भाषा के दो ऐसे शब्द हैं जिन्हें ज्यादातर लोग पर्यायवाची के रूप में इस्तेमाल करते हैं या फिर मेमोरी में जो शब्द पहले आ जाता है उसका प्रयोग कर लेते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि हिंदी भाषा में आरंभ और प्रारंभ के बीच एक बड़ा अंतर होता है और दोनों शब्दों का प्रयोग अलग-अलग प्रक्रियाओं में किया जाता है। आइए जानते हैं कि आरंभ और प्रारंभ शब्द का प्रयोग कब और कहां करना चाहिए।
आरंभ शब्द का अर्थ क्या है और इसका प्रयोग कब करना चाहिए
आरंभ शब्द का अर्थ है नवीन कार्य शुरू करना। जब आप किसी काम को पहली बार कर रहे हैं तब आरंभ शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए। भूमि पूजन के बाद भवन का निर्माण कार्य आरंभ किया जाता है। इसके अलावा दैनिक जीवन में भोजन आरंभ किया जाता है क्योंकि प्रतिदिन नवीन भोजन पकाया जाता है। समझने के लिए बेहद सरल तरीका यह है कि, अंग्रेजी भाषा में जहां पर भी 'STRART' शब्द का प्रयोग होता है हिंदी भाषा में वहां पर आरंभ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
प्रारंभ शब्द का अर्थ क्या है और इसका प्रयोग कहां किया जाना चाहिए
जब किसी कार्य का आरंभ हो चुका हो और उसे दोबारा शुरू करना है तब प्रारंभ शब्द का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है क्योंकि मंदिर वहां पर पहले से स्थापित था। जब कोई काम अधूरा छूट गया हो और उसे फिर से शुरू किया जा रहा है तब भी प्रारंभ शब्द का प्रयोग किया जाता है। प्रारंभ में शब्द का अर्थ है पुनः आरंभ करना। अंग्रेजी भाषा में जहां पर भी 'RESTRART' शब्द का प्रयोग किया जाता है हिंदी भाषा में वहां पर प्रारंभिक शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष यह है कि START यानी आरंभ और RESTART यानी प्रारंभ। अब आप कभी भी आरंभ और प्रारंभ के बीच का अंतर नहीं भूलेंगे और यदि आपके परिवार का कोई सदस्य गलती करेगा तब आप उसे करेक्ट भी कर देंगे। देखा कितना आसान था। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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