मध्य प्रदेश शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के विकल्प का चयन कर लिया गया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की टेबल पर पहुंचा दिया है। आने वाली किसी भी कैबिनेट मीटिंग में यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया जाएगा। विधानसभा में भी इस पर कोई आपत्ति नहीं उठाई जाएगी।
मध्य प्रदेश गवर्नमेंट एंप्लाइज की रिटायरमेंट एज कब-कब बढ़ाई गई
- 1998- विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर दी थी। दिग्विजय सिंह को इसका फायदा भी मिला था।
- 2018- विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दी थी। इसके कारण लाखों कर्मचारियों को सातवां वेतनमान और सरकार को कर्मचारियों के समर्थन मिला।
- 2023- विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल से बढ़ाकर 63 साल करने जा रही है।
इस फैसले के कारण सरकार को 3 फायदे होंगे। अनुभवी कर्मचारी, इस साल नियुक्त होने वाले जूनियर कर्मचारियों को व्यवहारिक तौर पर प्रशिक्षित कर पाएंगे। वरिष्ठ कर्मचारियों का सरकार को आशीर्वाद प्राप्त होगा और चुनाव से पहले GPF (रिटायरमेंट फंड) का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। यानी सरकारी खजाने का उपयोग अपनी योजना के अनुसार किया जा सकेगा। इस फैसले का सिर्फ एक नुकसान होगा, कुछ योग्य उम्मीदवार ओवर एज हो जाएंगे क्योंकि उनके हिस्से की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी ही नहीं होगा।
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