नई दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले के दौरान राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस के अवसर पर 28 फरवरी को प्रकाशन के स्टॉल 'जलसाघर' में आने वाले सभी पुस्तकप्रेमियों को उपहार दिया जाएगा। इस दिन राजकमल प्रकाशन अपने 75 वर्षों के अनेक उपलब्धियों से भरे सफर को पूरा करके 76वें वर्ष में प्रवेश करेगा। साथ ही, राजकमल प्रकाशन अपने पाठकों को पुस्तकों की खरीद पर भी छूट उपलब्ध करवा रहा है। यह उस समय हो रहा है जब देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।
स्थापना दिवस पर आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रम
विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस के दिन कई विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान कार्यक्रम के पहले सत्र में दोपहर 12:00 बजे अली अनवर की नई किताब 'सम्पूर्ण दलित आंदोलन : पसमांदा तस्व्वुर' पर परिचर्चा होगी। इसके बाद दोपहर 02:00 बजे गगन गिल की 'प्रतिनिधि कविताएँ' पुस्तक का लोकार्पण होगा। अपराह्न 04:30 बजे से अनामिका की नई किताब 'स्त्री मुक्ति की सामाजिकी' का लोकार्पण और बातचीत होगी। अगले सत्र में उदय प्रकाश की नई किताबों 'प्रतिनिधि कविताएँ' और 'प्रतिनिधि कहानियाँ' पुस्तकों पर बातचीत होगी। वहीं 05:30 बजे से जॉन स्ट्रैटन हौली की नवीनतम किताब 'कृष्ण की लीलाभूमि' पर बातचीत होगी। साथ ही, इस दिन साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की सभी पुस्तकों के नए संस्करण जारी किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास 'रेत समाधि' के विशिष्ट पेपरबैक संस्करण का होगा लोकार्पण
राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस के अवसर पर 28 फरवरी को विश्व पुस्तक मेले में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजली श्री के बहुचर्चित उपन्यास 'रेत समाधि' के विशिष्ट पेपरबैक संस्करण का लोकार्पण होगा। इस दौरान 'लेखक से मिलिए' कार्यक्रम के दौरान पाठक गीतांजली श्री से मुलाकात कर सकेंगे।
राजकमल का हीरक जयंती वर्ष साबित हुआ मील का पत्थर
राजकमल प्रकाशन का 75वां हीरक जयंती वर्ष मील का पत्थर साबित हुआ है। इस वर्ष मूल रूप से हिन्दी में रचित एवं राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित गीतांजली श्री के उपन्यास 'रेत समाधि' के अंग्रेजी संस्करण को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित बद्रीनारायण के कविता संग्रह 'तुमड़ी के शब्द' को हिन्दी का साहित्य अकादेमी पुरस्कार और गायत्री बाला पांडा की किताब 'दया नदी' को ओड़िया भाषा का साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा हाल में सुप्रसिद्ध अभिनेता-गीतकार-नाटककार पीयूष मिश्रा के आत्मकथात्मक उपन्यास 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' के एक सप्ताह में ही तीन संस्करण प्रकाशित हुए।
अनेक उपलब्धियों से भरा रहा अब तक का सफर : अशोक महेश्वरी
राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा कि– "राजकमल प्रकाशन अपनी शुरुआत से ही श्रेष्ठ पुस्तकों के जरिए समाज को बौद्धिक और सांस्कृतिक रूप से उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। साथ ही, देश-दुनिया के उत्कृष्ट साहित्य को आमजन तक पहुंचाने को हमेशा अपना दायित्व मानकर उसका निर्वहन कर रहा है। साहित्य से हमारा मतलब ज्ञान के लिए आवश्यक सभी विषयों और विधाओं की किताबें हैं। अपने पाठकों, लेखकों और शुभचिंतकों के सहयोग और शुभेच्छाओं से राजकमल प्रकाशन ने अपने पचहत्तर वर्षों के सफर में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की है। हमारा संकल्प हर उम्र, हर वर्ग के लोगों तक देश-दुनिया का साहित्य पहुंचाना है। इसी संकल्प के तहत राजकमल प्रकाशन की ओर से देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।"
विभिन्न शहरों में आयोजित किए जा रहे हैं किताब उत्सव
राजकमल प्रकाशन अपने 75 वर्षों का सुनहरे सफर का उत्सव मनाते हुए इस वर्ष को विशेष बनाने के लिए देश के विभिन्न शहरों में किताब उत्सव का आयोजन कर रहा है। राजकमल किताब उत्सव के दौरान शहरों में पुस्तक प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें नई पुस्तकों का लोकार्पण, विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक विषयों पर परिचर्चा एवं बातचीत के साथ ही स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। किताब उत्सव में देश भर के विभिन्न भाषाओं के साहित्यकार हिस्सा लेते हैं। इस दौरान पाठकों के उत्साह को देखते हुए राजकमल प्रकाशन का संकल्प दृढ़ हुआ है।
19 मार्च से मुम्बई में आयोजित होगा किताब उत्सव
किताब उत्सव की शुरुआत 18 जुलाई 2022 को भोपाल से हुई थी। इस कड़ी में अब तक भोपाल के अलावा वाराणसी, पटना और चंडीगढ़ में किताब उत्सव का सफल आयोजन हो चुका है। वहीं आगामी किताब उत्सव मुम्बई में 19 मार्च से 23 मार्च 2023 तक वर्ली के नेहरू सेंटर में आयोजित किया जाएगा। इसके बाद देश के अन्य शहरों में भी किताब उत्सव प्रस्तावित है।
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