भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक होली का त्यौहार प्रारंभ हो गया है। आज दिनांक 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो गए हैं। इसका तात्पर्य होता है होलिका दहन से पहले के 8 दिन। भारत के धार्मिक शास्त्रों में इन 8 दिनों के लिए विशेष गाइडलाइन बनी हुई है। कुछ खास किस्म के काम इन 8 दिनों में नहीं किए जाते हैं। आइए जानते हैं धर्म शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के 8 दिनों में क्या नहीं करना चाहिए।
होलाष्टक में वर्जित कार्य
- नई भूमि, खेत, प्लॉट इत्यादि नहीं खरीदना चाहिए।
- नया भवन, दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं खरीदना चाहिए।
- भवन अथवा किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन नहीं करना चाहिए।
- शादी विवाह से संबंधित कोई भी रस्म नहीं करना चाहिए।
- नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए।
- गर्भवती स्त्रियों को यात्रा नहीं करनी चाहिए।
होलाष्टक के 8 दिनों में क्या करना चाहिए
- भक्त प्रह्लाद को हिरण्यकश्यप द्वारा इन 8 दिनों में अमानवीय यातनाएं दी गई थी। भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना करने के कारण भक्त प्रहलाद की कोई हानि नहीं हुई। इन 8 दिनों में भगवान श्री हरि विष्णु का ध्यान करना चाहिए। पूजा पाठ करना चाहिए।
- श्रीमद् भागवत सप्ताह का पाठ करना चाहिए।
- श्री सत्यनारायण की कथा का आयोजन करना चाहिए।
- विष्णु मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहिए। वहां दान धर्म करना चाहिए।
- अनाज, वस्त्र और जल का दान करना चाहिए।
- भगवान श्री हरि विष्णु के समक्ष गाय के घी से भरा हुआ दीपक जलाना चाहिए।
उपरोक्त जानकारी इंदौर के ज्योतिषाचार्य श्री मनीष शर्मा द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के आधार पर प्रकाशित की गई है जो वैष्णव संप्रदाय (भगवान श्री हरि विष्णु के भक्तों) के लिए है। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।