हिंदी बड़ी ही मजेदार भाषा है। इसका मुख्य कारण है कि हिंदी दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसमें कई भाषाओं के शब्दों को समायोजित किया गया है। यही कारण है कि अलग-अलग साहित्य और काल में हिंदी भाषा के शब्दों के अर्थ में थोड़ा बहुत अंतर भी मिल जाता है। एकवचन और बहुवचन तो सभी जानते हैं। हिंदी भाषा में कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं जिनका कोई बहुवचन नहीं होता। आइए आज इनके बारे में जानते हैं:-
हिंदी भाषा के ऐसे शब्द जो विशेषण, सर्वनाम, क्रिया या अव्यय श्रृंखला के होते हैं, उनका कोई बहुवचन नहीं होता। उदाहरण के लिए
- मैं,
- माल,
- जनता,
- सामान,
- सामग्री,
- पृथ्वी,
- पुलिस,
- वर्षा,
- सेना,
- ईश्वर,
इस प्रकार के शब्दों की बहुत लंबी लिस्ट है जो हमेशा ही एकवचन में प्रयोग होते हैं और इनका कोई बहुवचन नहीं होता।
इसी प्रकार कुछ शब्द ऐसे भी हैं जो हमेशा बहुवचन होते हैं और उनका कोई एकवचन नहीं होता। उदाहरण के लिए:-
- दाम,
- दर्शन,
- प्राण,
- आँसू,
- लोग,
- अक्षत,
- होश,
- समाचार,
- हस्ताक्षर,
- दर्शक,
- अश्रु,
- आशीर्वाद
कुल मिलाकर हिंदी एक बहुत ही मजेदार और ऐसी भाषा है जो देश, काल और परिस्थिति के अनुसार थोड़ी बहुत बदल जाती है। यही कारण है कि रेलगाड़ी को रेलगाड़ी ही कहा जाता है, लोहपथगामिनी नहीं कहा जाता, जबकि रेल अंग्रेजी और गाड़ी हिंदी भाषा के शब्द हैं। यदि आप भोपाल समाचार डॉट कॉम के नियमित पाठक हैं तो आप जानते ही हैं कि इस भाषा का नाम हिंदी, मूल रूप से फारसी भाषा से लिया गया है। (यहां क्लिक करके पढ़िए)
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