जबलपुर। बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर भोपाल द्वारा वरिष्ठ शाखा प्रबंधक शैलेष बिंदुआ को बेवजह 3 साल तक सस्पेंड रखा गया। जब मामला हाईकोर्ट में पहुंचा और मुख्य न्यायाधीश श्री रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने चेतावनी जारी की तो तत्काल उनकी सेवाएं बहाल कर दी गई।
BOI BHOPAL के जोनल मैनेजर ने सस्पेंड किया लेकिन आरोप पत्र नहीं दिया
याचिकाकर्ता शैलेष बिंदुआ की ओर से अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी व अमित चौधरी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता बैंक आफ इंडिया की छतरपुर शाखा में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक बतौर पदस्थ था। उसे कतिपय शिकायत के आधार पर समुचित जांच व सुनवाई का अवसर दिए बिना 22 जनवरी, 2020 को जोनल मैनेजर, भाेपाल द्वारा निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद नियमानुसार तीन माह के भीतर आरोप पत्र दीया जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लिहाजा, अपील की गई। जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। निलंबन बरकरार रखा गया।
बैंक अधिकारी को परेशान करने 3 साल तक सस्पेंड रखा
निर्धारित नियम के अनुसार पहले चरण में सिर्फ तीन माह निलंबित रखा जा सकता है। इसके बाद दूसरे चरण में पुन: तीन माह के लिये निलंबन अवधि कारण बताते हुये बढ़ाई जा सकती है लेकिन याचिकाकर्ता को बिना कारण बताये तीन या छह माह नहीं बल्कि तीन साल से निलंबित रखा गया है।
हाई कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद बैंक प्रबंधन को अविलंब निलंबन समाप्त करने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिना देर किये निलंबन समाप्त कर ज्वाइनिंग दे दी गई।
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