बड़वानी। प्राचार्य डॉ. एनएल गुप्ता के मार्गदर्शन में संचालित शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के ने करियर सेल द्वारा विद्यार्थियों को रिज्युमे बनाने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया और प्लेसमेंट प्रक्रिया में उसके महत्व के बारे में बताया गया।
रिज्यूमे में क्या जानकारी होनी चाहिए
करियर काउंसलर एवं ट्रेनिंग तथा प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. मधुसूदन चौबे ने पीपीटी के माध्यम से बायोडाटा, सीवी एवं रिज्युमे में अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में प्लेसमेंट ड्राइव के अंतर्गत सबसे अधिक डिमांड रिज्युमे की होती है। रिज्युमे सामान्यतः एक पृष्ठ में बनाया जाना चाहिए। इसमें अपना नाम, मोबाइल नम्बर, ई-मेल आईडी, करियर ऑब्जेक्टिव, स्किल्स, अनुभव, शैक्षणिक योग्यताएं, अवार्ड्स, रुचि और अन्य ऐसी उपलब्धियों का उल्लेख किया जाता है जो आवेदित जॉब के अनुकूल होती हैं।
रिज्यूमे कितना महत्वपूर्ण है, क्या फर्क पड़ता है
वर्तमान में ऐसी अनेक वेबसाइट उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से आसानी से आकर्षक रिज्युमे बनाया जा सकता है। बड़ी कम्पनियों में मानव संसाधन प्रबन्धक के पास एक रिज्युमे को देखने के लिए मुश्किल से दस-पंद्रह सेकंड का समय होता है ऐसे में अच्छा रिज्युमे इंटरव्यू कॉल की पहली सीढ़ी बन जाता है। इसमें गलत और अतिशयोक्तिपूर्ण जानकारी मत दीजिये। भाषा सम्बन्धी गलतियाँ मत होने दीजिये।
हर कंपनी और जॉब के लिए नया रिज्यूमे बनाइए
जिस कम्पनी के लिए और जिस पोजीशन के लिए आवेदन कर रहे हैं उसके अनुसार ही रिज्युमे में जानकारी दीजिये। एक ही रिज्युमे को हर जगह नहीं भेजा जाना चाहिए। पीपीटी निर्माण कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया द्वारा किया गया। सहयोग वर्षा मुजाल्दे, राहुल भंडोले, स्वाति यादव, सुरेश कनेश, दिलीप रावत, कन्हैयालाल फूलमाली, पूनम कुशवाह, अंशुमन धनगर, वर्षा मालवीया ने किया।
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