भोपाल। राजधानी भोपाल की पुलिस ने सिंडीकेट और यूको बैंक के 62 लाख रुपए के लोन फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो बैंक मैनेजरों हित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी रियाज इकबाल ने मामलों का खुलासा करने वाली हनुमानगंज-कोहेफिजा दोनों थाने की टीमों को 10-10 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पकड़े गए आरोपी लघु उद्योग और व्यवसाय के लिए मिलने वाली सरकारी सब्सिडी में धोखाधड़ी करते थे। उन्होंने बताया कि बैंक कर्मचारियों और मैनेजरों की मिलीभगत से आरोपी फर्जी दस्तावेजों के जरिये लोन पास करवा लेते थे। इसके बाद एक-दो किस्तें भरने के बाद ये किस्त चुकाना बंद कर देते थे। दोनों ही थाना क्षेत्रों में हुए फ्रॉड के जरिये एक ही खाते में लोन की रकम जमा हुई।
हनुमानगंज थाने में फर्जीवाड़े को लेकर एक शिकायती आवेदन मिला था। इसमें बताया गया था कि टीला जमालपुरा निवासी जमना प्रसाद ने सिंडीकेट बैंक में फुटवेयर के व्यवसाय के लिए 7 लाख रुपए का लोन कराया। इसके लिए जमना प्रसाद ने अपने दोस्त मनोज तोमर के साथ मिलकर मनोज के मामा प्रमोद वर्मा के नाम से फर्जी दुकान और स्थापना प्रमाण पत्र दिखाते हुए मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक पीरगेट में खाता खुलवाया।
जांच में पता चला कि दुकान के लिए लगाए गए सभी दस्तावेज फर्जी थे। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू ने वर्मा ट्रेडर्स को कुल 4 लोन स्वीकृत किए। इनमें दो लोन कैटरिंग एवं टेंट कारोबार और 2 लोन फुटवियर कारोबार के लिए बिना वेरिफिकेशन के दिए गए। 2016 से 11 जुलाई 2022 तक इन फर्म के खाते में कुल 62 लाख रुपए क्रेडिट किए गए। दूसरा शिकायती आवेदन 29 अक्टूबर 2022 को हनुमानगंज से कोहेफिजा थाने को जांच के लिए मिला। इसमें कोहेफिजा स्थित यूको बैंक ब्रांच लालघाटी से शंकर और बहार मिया ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कुल 7 डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वर्मा ट्रेडर्स के खाते में 16 लाख रुपए का लोन और 2.17 लाख रुपए की सब्सिडी ली।
इस घटना में तत्कालीन बैंक मैनेजर मुकेश श्रीवास्तव (रिटायर्ड), प्रमोद वर्मा, जमना प्रसाद, मनोज तोमर, बहार मिया, शंकर साव, राजकुमार और लव कुमार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर कूटरचित दस्तावेजों पर लोन सेंक्शन किया। इसके एवज में वे कमीशन लेते थे।