भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को 21 फरवरी की देर शाम पुलिस द्वारा नीलम पार्क से भगा दिया गया। पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन और रैली निकालने का ऐलान किया था परंतु इसके 1 दिन पहले ही पुलिस ने प्रदर्शन को समाप्त करवा दिया।
MP NEWS- अधिकारियों की धमकी के बाद भी नहीं रुके अतिथि शिक्षक
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चेतावनी दी गई थी कि जिस प्रकार बिजली कंपनी ने प्रदर्शनकारी आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी उसी प्रकार अतिथि शिक्षकों को भी हटा दिया जाएगा। इसके बावजूद राजधानी में लगभग 5000 अतिथि शिक्षक एकत्रित हुए और उन्होंने प्रदर्शन किया।
अतिथि शिक्षकों की मांग- नियमित नहीं कर सकते तो स्थाई कर दो
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि विगत 15 वर्षों से बहुत ही कम मानदेय पर सेवाएं देते आ रहे हैं। इतने वर्षों का शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। अतिथि शिक्षकों को कभी भी सेवा में लेकर कभी भी हटा दिया जाता है, जबकि छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब सहित कई राज्यों ने अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित किया है। अतिथि शिक्षक भले नियमित नहीं हुए हों परंतु उनकी सेवाएं स्थाई हो गई हैं।
कांग्रेस के कारण हुई प्रदर्शन पर कार्रवाई
अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन कुछ और दिन चलता और माहौल भी बनता लेकिन पहले ही दिन प्रदर्शन पर कांग्रेस का ठप्पा लग गया। इसके साथ ही, अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन, एक कर्मचारी आंदोलन के बजाय पॉलिटिकल प्रोटेस्ट कंसीडर किया गया। सूत्रों का कहना है कि इसी के चलते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।
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