भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अवैध उत्खनन को सरकारी संरक्षण का नया तरीका ढूंढ लिया गया है। पार्वती नदी में रेत के अवैध उत्खनन की शिकायत मिलने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया लेकिन अवैध उत्खनन नहीं रोका गया। जब शिकायतकर्ता ने दूसरी शिकायत की तो पुराने मामले का रेफरेंस देकर शिकायत को क्लोज कर दिया। अवैध उत्खनन जारी है।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत मिलते ही कार्रवाई की और मामला दर्ज कर लिया
शिकायतकर्ता युवान सिंह गुर्जर ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को बताया कि, मेरे ग्राम धामन तोड़ी जो कि भोपाल जिला बैरसिया तहसील थाना नजीराबाद क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहां पार्वती नदी से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। युवान सिंह ने बताया कि इस मामले में जब सबसे पहली बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई तो खनिज विभाग के अधिकारियों ने विधिवत कार्रवाई की। हमारे सामने घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और उसके बाद कृष्ण पाल सिंह तोमर के विरुद्ध मध्यप्रदेश खनिज अवैध खनन परिवहन तथा भंडारण का निवारण नियम 2022 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता युवान सिंह ने बताया कि, डिपार्टमेंट ने मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन अवैध उत्खनन को रोकने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की। मामला दर्ज होने के बाद भी अवैध उत्खनन जारी है। जब हमने दोबारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो, दर्ज किए गए मामले का रेफरेंस देकर शिकायत को क्लोज कर दिया गया। कुल मिलाकर विभाग के लोगों ने एक मामला दर्ज करके भविष्य में आने वाली शिकायतों को बंद करने की युक्ति निकाल ली लेकिन अवैध उत्खनन बंद नहीं करवाया।
भोपाल में रेत माफियाओं को स्पेशल ट्रीटमेंट
पुराने पत्रकार श्री आदर्श त्रिवेदी का कहना है कि, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रेत माफियाओं को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है। यहां आप कभी भी रात के समय बिना नंबर के रेत से भरे हुए डंपर दौड़ते हुए देख सकते हैं। सड़क पर सरकारी महकमा भी होता है जो प्रत्येक डंपर को पहचानता है और उसकी एंट्री नोट करता है लेकिन डंपर को रोकने का काम कोई नहीं करता। एक्सीडेंट हो जाने पर भी डंपर को बचाने की कोशिश की जाती है। यहां रेत माफियाओं को बिल्कुल वैसा ही सम्मान दिया जाता है जैसे उद्योग पतियों को दिया जाता है। शायद इसलिए क्योंकि दोनों ही कामों से लोगों को रोजगार मिलता है। पर्यावरण को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री रोज एक पेड़ लगा भी रहे हैं।
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