सेवा में प्रमोशन कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार, ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा- Employees news

Bhopal Samachar

Government Employee, Promotion, Gwalior High Court

ग्वालियर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन मामले में इस सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान कहा कि, सेवा के दौरान पदोन्नति एक कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार है। कर्मचारी को बिना किसी कारण के प्रमोशन से वंचित करना उसके संवैधानिक अधिकार का हनन करने का अपराध है। 

उल्लेखनीय है कि पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की याचिका पर सुनवाई के दौरान ग्वालियर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया था कि वह सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को नियमानुसार प्रमोशन प्रदान करें क्योंकि सामान्य वर्ग के कर्मचारियों के प्रमोशन पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। इस आदेश का पालन नहीं होने पर उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया और उन्हें कार्रवाई का सामना करने तैयार रहने को कहा। 

इसी मामले में इस सप्ताह ग्वालियर हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई थी। जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस सत्येंद्र सिंह की बेंच ने सरकार को कहा कि कर्मचारियों को प्रमोशन न दिया जाना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने कहा है कि पशुपालन विभाग में तो 11 में से 2 चिकित्सक बगैर प्रमोशन रिटायर हो गए हैं। अन्य 9 को भी नियुक्ति दिनांक से आज तक प्रमोशन नहीं दिया गया है। राज्य सरकार का सामान्य वर्ग के कर्मचारियों के प्रति इस प्रकार का व्यवहार निंदनीय है।

हाईकोर्ट ने कहा कि, सेवा में नियमित और अच्छा प्रदर्शन करने पर पदोन्नति प्राप्त करना भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 और 16 के अनुसार याचिकाकर्ताओं का मौलिक अधिकार है। उन्हें किसी भी स्थिति में दरकिनार नहीं किया जा सकता। फिर भी हम न्यायिक अनुशासन को ध्यान में रखते हुए बाध्यकारी निर्देश देना स्थगित करते हैं और याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से निर्देश प्राप्त करने की छूट देते हैं। 

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!