ग्वालियर। आईपीसी की धारा 307 के तहत दर्ज हुए मामले में जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट भी हैरान हो गया क्योंकि FIR में आरोपी को अज्ञात बताया गया था जबकि इसी केस के पुलिस रिकॉर्ड में आरोपी को घटनास्थल से गिरफ्तार करना बताया गया था। उच्च न्यायालय ने पुलिस इंस्पेक्टर को जमकर फटकार लगाई और आरोपी को जमानत दे दी।
कोतवाली थाना पुलिस द्वारा मुरैना जिले के अंबाह निवासी छोटू शर्मा को आईपीसी की धारा 307 के तहत गिरफ्तार किया गया था। दिनांक 17 सितंबर 2022 से छोटू शर्मा जेल में है। छोटू ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की। याचिकाकर्ती की ओर से अधिवक्ता दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने उच्च न्यायालय को बताया कि पुलिस रिकॉर्ड में छोटू शर्मा को घटनास्थल से गिरफ्तार करना बताया गया है। पुलिस ने अपनी कहानी में दावा किया है कि छोटू शर्मा ने लूट के इरादे से जानलेवा हमला किया था।
इस घटना की FIR शाम 7:45 बजे दर्ज की गई थी। FIR में आरोपी अज्ञात बताया गया था। छोटू शर्मा के अधिवक्ता ने कहा कि यदि छोटू शर्मा को घटनास्थल से गिरफ्तार किया गया तो FIR में उसका नाम दर्ज क्यों नहीं किया गया। सुनवाई के समय न्यायालय में इस मामले की इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर श्री योगेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
जब कोर्ट ने पुलिस अधिकारी योगेंद्र सिंह से सवाल किए तो वह जवाब नहीं दे पाए। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी। कोर्ट ने माना कि पुलिस की कहानी में बनावट नजर आती है। छोटू शर्मा की गिरफ्तारी के समय उसके पास से जो चीजें बरामद की गई उसमें उसका पहचान पत्र भी था जबकि यह भी स्पष्ट हुआ कि फरियादी, छोटू शर्मा को हमलावर के रूप में पहचान नहीं पा रहा है।
कोर्ट ने इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।