डॉक्टर कहते हैं कि यदि थर्मामीटर में शरीर का तापमान 98 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है तो इसका मतलब है आप को बुखार आ गया है और तत्काल आराम की जरूरत है। यदि तापमान 100 डिग्री से अधिक है तो आपको आराम के साथ दवाई की भी जरूरत है लेकिन यदि शरीर का तापमान 98 डिग्री फारेनहाइट से कम हो जाए तब क्या होता है। आइए जानते हैं:-
मनुष्य के शरीर का तापमान कम हो जाने पर क्या होता है
मानव शरीर का तापमान बढ़ना कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन यदि वह सामान्य से कम हो जाता है तो काफी गंभीर परिस्थिति बन जाती है। डॉ निशा सिन्हा बताती है कि यदि इंसान के शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से नीचे चला जाए तो इसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। सामान्य भाषा में इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहते हैं। डॉ अमिताभ घोष बताते हैं कि मनुष्य के शरीर का तापमान कम होने पर कंपकंपी शुरू हो जाती है। यदि इसे इग्नोर किया तो पल्स रेट कम होने लगती है। शरीर में ब्लड का फ्लो स्लो हो जाता है और इसके कारण ब्रेन का फंक्शन स्लो हो जाता है। सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है।
यह बहुत ही खतरनाक है क्योंकि इस बीमारी में इंसान यह भी नहीं बता पाता कि वह बीमार है और उसे क्या महसूस हो रहा है। हाइपोथर्मिया का सबसे पहला लक्षण है, सामान्य से अधिक नींद का आना। यदि शरीर थका हुआ नहीं है उसके बावजूद लगातार नींद बनी रहती है। तब यह चिंता की बात है।
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