जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर याचिका प्रकाश चंद चढ़ार विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन में हाई कोर्ट के जस्टिस माननीय संजय द्विवेदी ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले में याचिकाकर्ता शासकीय कर्मचारी का ट्रांसफर उसकी मर्जी के बिना कर दिया गया था और अभ्यावेदन प्रस्तुत करने पर भी उसका निराकरण नहीं किया गया था।
लंबित अभ्यावेदन, हाई कोर्ट में याचिका का आधार
मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए उनके एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि, आवेदक चेयरमैन के पद पर नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सागर में पदस्थ है। आवेदक का स्थानांतरण दिनांक 29/12/2022 को सागर से छतरपुर कर दिया गया था। आवेदक ने शासन के समक्ष स्थानांतरण निरस्त करने के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था, पर उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद आवेदक ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी।
याचिकाकर्ता ने बताया कि वह स्वयं एवं उनकी पत्नी दोनों शासकीय सेवक है और सागर जिले में पदस्थ हैं। आवेदक का ट्रांसफर 160 किलोमीटर दूर कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा भी प्रभावित होगी। शासन की नीति है कि पति-पत्नी दोनों को एक ही जिले में पदस्थ रखा जाए। यह ट्रांसफर आर्डर, शासन की नीति का उल्लंघन करता है। हाईकोर्ट ने अनावेदकों को निर्देशित किया कि वह, आवेदक की अभ्यावेदन का 30 दिन के भीतर निराकरण करें एवं तब तक आवेदक अपनी पूर्व संस्था में निर्धारित पद पर काम करता रहेगा।
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