जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दमोह जिले की एक महिला सफाई कर्मचारी की सेवाएं अस्थाई से स्थाई करने के लिए लास्ट डेट निर्धारित कर दी गई है। डिपार्टमेंट को महिला कर्मचारी के अभ्यावेदन पर निर्णय करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा अभ्यावेदन लगातार पेंडिंग किया जा रहा था।
किस प्रावधान के तहत मध्यप्रदेश में दैनिक वेतन भोगी को नियमित किया जाता है
श्रीमती लक्ष्मी बाई, को कमर्शियल टैक्स अधिकारी दमोह सर्कल द्वारा वर्ष 2007 में अंश कालीन स्वीपर के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। नियुक्ति के बाद, लगातार उनकी सेवाएं बढ़ाई जाती रही। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 7/10/16 के अनुसार, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी बनाए जाने का प्रावधान है। सामान्य प्रशासन विभाग की नीति के अनुसार श्रीमती लक्ष्मी बाई द्वारा स्थाई कर्मी बनाए जाने की मांग विभाग से लगातार की परंतु, विभाग द्वारा विचार नहीं किए जाने पर, उनके द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की गई थी।
उनकी ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी एवम अमर गुप्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग की नीति के नियम 1.8 के अनुसार, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी बनाए जाने का प्रावधान है परंतु याचिकाकर्ता के साथ भेदभाव किया जा रहा है। अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी एवम अमर गुप्ता को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय जबलपुर ने विभाग को निर्देशित किया है की विभाग श्रीमती लक्ष्मी बाई के प्रकरण में 90 दिन के अंदर निर्णय ले।
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