ग्वालियर। जाति के झमेले में फंसे अशोक नगर के विधायक जजपाल सिंह जज्जी की उस याचिका को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा कार्य कर दिया गया जिसमें उन्होंने दलील दी थी कि विधानसभा चुनाव 2018 में जीतने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था इसलिए उनका निर्वाचन शून्य करने लगाई गई याचिका पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता लड्डूराम कोरी का कहना था कि भले ही 2018 के चुनाव में जीत कर विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद 2020 में जज्जी ने दोबारा चुनाव जीता है, पर यह चुनाव फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लड़ा था, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य है। कोर्ट ने एक मार्च से चुनाव याचिका में गवाही शुरू करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता अपने गवाहों को न्यायालय में सुबह 11 बजे मौजूद रखें।
यह है मामला
वर्ष 2018 के विधानसभा में भाजपा उम्मीदवार लड्डूराम कोरी ने जजलाप सिंह के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है, यह याचिका 2019 से लंबित है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संगम जैन ने तर्क दिया कि अशोक नगर विधायक का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। इन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं था, लेकिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा है, इसलिए इनका निर्वाचन शून्य किया जाए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। मंगलवार को इस याचिका में फैसला सुना दिया।
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