HDFC BANK BHOPAL के रिलेशनशिप मैनेजर संजय ठाकुर को मध्य प्रदेश स्टेट साइबर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि संजय ठाकुर ने दुबई में रहने वाली अर्चना शर्मा और उनकी मां इंदिरा शर्मा से 92 लाख रुपए की ठगी की है।
HDFC BANK वाले संजय ठाकुर ने गुनाह कबूल लिया है, पुलिस का दावा
एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि ग्रीन व्यू चूनाभट्टी निवासी इंद्रा शर्मा (81 वर्ष) गृहिणी हैं। 1 फरवरी को उन्होंने शिकायत कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट के नाम पर 92 लाख रुपए ठग लिए हैं। इसमें दुबई में रहने वाली उनकी बेटी अर्चना के भी 30 लाख रुपए शामिल हैं। जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी एचडीएफसी का तत्कालीन रिलेशनशिप मैनेजर औबेदुल्लागंज निवासी संजय ठाकुर पिता विनय सिंह है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। उसने गुनाह कबूल लिया है।
HDFC, ICICI और एक अन्य बैंक का नाम
स्टेट साइबर पुलिस के प्रभारी एसपी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि इंद्रा शर्मा ने वर्ष 2019 में जमीन बेची थी। इसी का पैसा प्लस करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बनाई। आरोपी ने उन्हें 10-12 प्रतिशत प्राॅफिट का झांसा देकर 92 लाख रुपए इंद्रा के बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए। कुछ राशि (रिडिमशन) अन्य अज्ञात बैंक खाते में उनकी जानकारी के बिना धोखे से स्थानान्तिरत कर ली। पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया कि आरोपी ने राशि HDFC एवं ICICI प्रोडेन्शियल म्यूचुअल फंड में स्थानान्तिरत की गई है। इंद्रा के बैंक स्टेटमेंट की जांच में खुलासा हुआ कि उनकी राशि को अन्य बैंक खाते में रिडिम आरोपी ने किए हैं।
20 लाख कार, डेढ़ लाख का आईफोन और 50000 की एप्पल वॉच खरीदी
आरोपी ने ठगी के पैसों से 20 लाख रुपए की कार खरीदी। डेढ़ लाख का आईफोन, 50 हजार रुपए कीमती एप्पल वॉच खरीदी। आरोपी के पास से पुलिस को कई लोगों की चेकबुक समेत अन्य बैंकिंग दस्तावेज मिले हैं। पुलिस उनकी भी पड़ताल कर रही है। आशंका है कि आरोपी ने अन्य लोगों के साथ भी ठगी की होगी।
पिता रिटायर्ड एएसआई, बैंक ने हटाया लेकिन खाताधारकों को नहीं बताया
आरोपी के पिता सरकारी विभाग में ड्राइवर रहे हैं, जबकि एएसआई से रिटायर्ड हैं। आरोपी ने जब जालसाजी की थी, तब वह एचडीएफसी में पदस्थ था। सितंबर 2022 में उसे बैंक ने हटा दिया था।
मां-बेटी के नाम का बैंक खाता मैनेजर ऑपरेट कर रहा था
आरोपी से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने मां-बेटी के आधार, पैन कार्ड मंगा लिए। इसके बाद दस्तावेजों को स्कैन कर लिया। बाद में उनके नाम से फर्जी बैंक खाता खोल लिया। इसी में आरोपी ने उनसे पैसा जमा कराए। खाते ही पूरी जानकारी होने की वजह से आरोपी ने उनका पैसा दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिया।
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