जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संजीव पचोरी ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को लीगल नोटिस भेज कर धनगर और धनगढ़ जाति प्रमाण पत्र मामले में नियमानुसार और नियत समय पर कार्यवाही करने की मांग की है। चेतावनी दी गई है कि यदि इस मुद्दे को टाला गया तो उनके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की जाएगी।
MPPWD में पदस्थ एससी वर्मा सहित अन्य का मामला
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में पदस्थ एससी वर्मा सहित अन्य अधिकारियों के मामलों का हवाला दिया गया है। साफ किया गया है कि जिन अनुसूचित जातियों व जनजातियों को आरक्षित घोषित किया गया है, उनसे मिलते-जुलते नाम वाली जातियों व समूहों के सदस्य इसका फायदा उठाकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षित वर्ग के आवेदकों का हक मार लेते हैं।
भविष्य में ऐसा न हो, इस सिलसिले में ठोस मानीटरिंग होनी चाहिए। यही नहीं पुराने मामलों की गंभीरता से स्क्रूटनी करके दस्तावेजी शिकायतों के आधार पर कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए। मूलत: वर्मा सरनेम लिखने वाले धनगर जाति के लोग अन्य पिछड़ा वर्ग अंतर्गत आते हैं। इसके बावजूद उन्होंने बड़ी चालाकी से धनगर को धनगढ़ में तब्दील कर अनुसूचित जनजाति का लाभ लेते हुए सरकारी नौकरी हासिल कर ली।
यही वजह है कि उन्होंने अपना जाति प्रमाण पत्र आज तक वेबसाइट पर अपलोड क्यों नहीं किया। इसे संदर्भ में अविलंब विभागीय जांच संस्थित की जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।