चोरी करना एक गंभीर अपराध है। चोरी का सामान खरीदना एवं बेचना भी अपराध है। इसी प्रकार चोरी के सामान को छुपाना, चोर की मदद करना भी एक अपराध है। आईपीसी की धारा 414 के तहत चोरी का सामान छुपाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। आइए जानते हैं कि यदि पीड़ित व्यक्ति, ऐसे अपराधी को माफ कर दे तो क्या कोर्ट उसे सजा नहीं देगा।
आईपीसी की धारा 414
चोरी का सामान छुपा कर चोर की मदद करना IPC की धारा 414 का अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होता है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायालय द्वारा की जा सकती है। सजा- इस अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 414 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा (1) के अनुसार यह अपराध एक समझौता योग्य अपराध है। इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा के उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिसका समान चोरी किया गया था अर्थात संपत्ति के मालिक द्वारा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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