हमने आपको बताया था कि जानबूझकर कर किसी व्यक्ति को सामान्य सी चोट पहुंचाना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323 का अपराध होता है एवं अचानक गुस्से में आकर किसी व्यक्ति को सामान्य चोट पहुंचाना भारतीय दंड संहिता की धारा 334 का अपराध होता है।
आईपीसी की धारा 335 - जमानत एवं सजा का प्रावधान
अगर कोई व्यक्ति अचानक गुस्से में आकर किसी व्यक्ति को गंभीर चोट करता है तो वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 335 का अपराध होगा। यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होती है। इनकी सुनवाई प्रथम वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के लिए अधिकतम चार वर्ष का कारावास या दो हजार रुपये जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 336 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा(1) के अनुसार अचानक प्रकोप में आकर गंभीर चोट पहुंचाने का अपराध समझौता योग्य हैं, यह समझौता न्यायालय की बिना आज्ञा के उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिसे गंभीर उपहति हुई है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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