अपनी जाति या धर्म को छुपाकर अथवा स्वयं के बारे में झूठी जानकारी देकर शादी करना अथवा नौकरी प्राप्त करना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 416 के अंतर्गत प्रतिरूपण छल का अपराध होता है। सामाजिक व्यवस्था में इस तरह के धोखे को गंभीर अपराध माना जाता है। हां यह जानते हैं कि यदि कोर्ट के बाहर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाए तो क्या कोर्ट ऐसे केस को बंद कर देगा।
आईपीसी की धारा 416 के लिए दंड प्रावधान
आईपीसी की धारा 416 के तहत किए गए अपराध के लिए दण्ड का प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता की धारा 419 में किया गया है, यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 419 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा(1) के अनुसार प्रतिरूपण छल का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिसके साथ छल किया गया हैं। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।