हमला, आपराधिक बल, एवं उपहति ये तीनों एक ही प्रकार के विभिन्न अवस्थाओं के अपराध होते हैं। ज्यादातर लोग मारपीट और हमला शब्द का उपयोग कर लेते हैं। जब पुलिस थाने में FIR दर्ज होती है तो वह संतुष्ट नहीं होते। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें तीनों अवस्थाओं के बीच में अंतर पता नहीं होता। आज हम आपको सरल शब्दों में इन तीनों अपराध की जानकारी देंगे जानिए।
1. हमला की परिभाषा (IPC की धारा 351):-
मानव शरीर के विरुद्ध किया जाने वाला सबसे छोटा अपराध होता है। " जैसे की मोहन पर अपना मुक्का श्याम इस उद्देश्य से जानते हुए हिलाता हैं कि उसके द्वारा मोहन को यह विश्वास हो जाए कि श्याम, मोहन को मारने वाला ही है। यहाँ पर श्याम हमले का दोषी होगा।
2. आपराधिक बल क्या होता है (IPC की धारा 350) :-
हमले के बाद की अवस्था जब किसी ऐसी प्रक्रिया में बल प्रयोग किया जाए जो गैरकानूनी है, आपराधिक बल कहा जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि श्याम सचमुच मोहन को मुक्का मार दे, तो यह आपराधिक बल प्रयोग का अपराध होगा।
3. उपहति का क्या अर्थ होता है, (IPC की धारा 319)
आपराधिक बल प्रयोग के परिणाम स्वरूप यदि चोट लग जाती है तब उसे कानूनी भाषा में उपहति कहा जाता । उपहति सामान्य भी हो सकती है एवं गंभीर उपहति भी हो सकती है।
उदाहरण के तौर पर श्याम, मोहन के चेहरे पर मुक्का मारे और इसके कारण मोहन का होंठ कट जाए, नाक में फ्रैक्चर हो जाए या फिर दांत टूट जाए तब इसे उपहित कहा जाएगा।
यह तीनों प्रक्रियाओं के अपराध एक ही प्रवृति के हैं। अर्थात एक हमला, दूसरा आपराधिक बल होगा एवं तीसरा आपराधिक बल के कारण चोट या गंभीर चोट का अपराध उत्पन्न होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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