लोन कई प्रकार के होते हैं, Home loan, Business loan और Personal loan सबसे ज्यादा प्रचलन में है। लोन देने वालों में परिवार, मित्र और रिश्तेदारों के अलावा बैंक और आरबीआई से मान्यता प्राप्त कई अन्य संस्थाएं भी होती हैं। लोन का व्यवहार करते समय बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाएं संपत्ति का विवरण मांगती है। कई बार लोन लेने वाले लोग अपनी संपत्ति की जानकारी छुपा लेते हैं। आइए जानते हैं कि, लोन देने वाले थे अपनी संपत्ति की जानकारी छुपाना क्या कोई अपराध है:-
IPC 421- भारतीय दंड संहिता की धारा 421, सरल हिंदी में परिभाषा, जमानत और सजा
ऐसा व्यक्ति जो समय पर लोन की किस्त अगर नहीं करता। संपत्ति होते हुए भी खुद को संपत्तिहीन घोषित करता है। किसी भी प्रकार के लेनदार से अपनी चल एवं अचल संपत्ति की जानकारी छुपाता है, वह भारतीय दंड संहिता की धारा 421 के तहत अपराधी होता है। किसी भी पुलिस थाने में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 421 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं होती। पुलिस थाने में ही आरोपी की जमानत हो जाती है। इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट को होता है। सजा - इस अपराध के लिए दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 421 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा (1) के अनुसार लेनदार से स्वंय की संपत्ति छुपाने के अपराध समझोता योग्य अपराध है। इस अपराध का समझौता न्यायालय की आज्ञा के बिना अर्थात न्यायालय के बाहर ही उस व्यक्ति से किया जा सकता है जो लेनदार हो जिसकी संपत्ति को कपट, बेईमानी के उद्देश्य से प्राप्त किया हो। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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