जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को अपनी गलती सुधारने का एक और मौका दिया है। श्री संजीव भालेराव प्राचार्य डाइट खंडवा के ट्रांसफर का मामला नियमानुसार निराकरण करने के लिए वापस भेज दिया है। हाईकोर्ट ने इसके लिए 1 महीने का समय दिया है। तब तक के लिए कमिश्नर डीपीआई द्वारा जारी किए गए ट्रांसफर आर्डर को स्टे दिया गया है।
श्री संजीव भालेराव, डाइट खंडवा के प्राचार्य हैं। दिनांक 21/10/22 को प्रशासनिक आधार पर उनका ट्रांसफर कार्यालय आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल कर दिया गया। श्री भालेराव की सेवानिवृत्ति दिनांक 31 दिसंबर 2023 है एवं ट्रांसफर वाले दिन उनके पास जिला शिक्षा अधिकारी पद का अतिरिक्त प्रभार भी था। मध्यप्रदेश शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार रिटायरमेंट के 3 वर्ष पहले कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए।
कमिश्नर डीपीआई के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
उपरोक्त आधार पर उनके द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को अभ्यावेदन देकर ट्रांसफर निरस्त करने की मांग की गई थी परंतु, कार्यवाही नही होने के कारण, उनके द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दाखिल की गई थी। श्री भालेराव की ओर से अधिवक्ता उच्च न्यायालय जबलपुर श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि, स्कूल शिक्षा की ट्रांसफर नीति के अनुसार जिन्हे सेवानिवृत के लिए तीन वर्ष शेष हैं उन्हें ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए। यद्धपि श्री भालेराव ट्रांसफर किए गए हैं। अतः ट्रांसफर निरस्त किया जावे।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को निर्देश दिए
वकील श्री अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय के तर्कों से सहमत होकर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को श्री भालेराव के ट्रांसफर केस को एक महीने में निराकरण के आदेश दिए हैं। उपरोक्त अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा एवम प्राचार्य श्री भालेराव खंडवा में कार्य करेंगे।
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