भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के दिसंबर 2022 शीतकालीन सत्र में निरसन विधेयक पारित हो जाने के बाद अब राज्यपाल ने विधेयक को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही मध्यप्रदेश में पांच कानून निरस्त हो गए हैं। आज दिनांक के बाद से इन 5 कानूनों के तहत कभी किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी।
मध्यप्रदेश में 2022-23 में निरस्त किए गए कानूनों के नाम
- मध्य प्रदेश ब्रोस्टल एक्ट 1928,
- मध्यभारत लघुवाद न्यायालय अधिनियम 1949,
- मध्य प्रदेश उद्योग राज्य सहायता अधिनियम 1958,
- मध्य प्रदेश अश्व रोग अधिनियम 1960
- मध्य प्रदेश पशु नियंत्रण अधिनियम 1976
कानूनों को निरस्त किए जाने का कारण
मध्य प्रदेश ब्रोस्टल एक्ट, 1928- जेल विभाग ने सिफारिश की थी, क्योंकि यह ब्रोस्टल इंस्टीट्यूट नरसिंहपुर, जेल विभाग के अंतर्गत था। इसके अंतर्गत 18 से 21 वर्ष की उम्र के युवकों को रखा जाता था। अब इसकी जरूरत इसलिए नहीं हैं, क्योंकि शासन द्वारा किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के द्वारा 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए अलग से ब्रोस्टल होम के प्रवधान किए गए हैं, जिन्हें मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।
मध्यभारत लघुवाद न्यायालय अधिनियम 1949- तत्कालीन मध्य भारत के ग्वालियर, इंदौर और मालवा क्षेत्र में लघुवाद न्यायालय स्थापित करने के लिए बनाया गया था। इसकी जगह केंद्र सरकार ने ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर न्याय उपलब्ध कराने के लिए ग्राम न्यायालयों का गठन किया गया है।
मध्य प्रदेश उद्योग राज्य सहायता अधिनियम 1958- एमएसएमई विभाग के अंतर्गत आता था, जिसे इसलिए समाप्त किया गया है, क्योंकि उद्योगों को सब्सिडी सहित अन्य तरह से आर्थिक सहयोग करने के लिए नए नियम और मापदंड बनाए जा चुके हैं।
अश्व रोग एक्ट 1960 एवं मध्य प्रदेश पशु नियंत्रण एक्ट 1976- दोनों ही अधिनियमों को पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा अनुपयोगी और प्रभावहीन बताया गया था।
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