Madhya Pradesh Government, School Education Department द्वारा संचालित विद्यालयों में ट्रांसफर के बाद गड़बड़ हुई स्थिति को संभालने के लिए Rationalization of surplus teachers पर काफी तेजी से काम हो रहा है। यह नोट करने वाली बातें की बोर्ड परीक्षा एवं अन्य कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं के पहले अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर ट्रांसफर हुए टीचर्स का समायोजन किया जा रहा है।
परीक्षा के समय पढ़ाई छोड़ युक्तियुक्तकरण से बचने की जुगत लगा रहे हैं शिक्षक
आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा, अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार कर दावे-आपत्ति बुलाए जा रहे हैं। इससे शिक्षक परेशान हैं, वे बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराना छोड़कर इस कोशिश में लग गए हैं कि कहीं और न जाना पड़े। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
ट्रांसफर टीचर्स को एडजस्ट करने स्कूल एजुकेशन सिस्टम से खिलवाड़
एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार प्रदेश में 38,491 शिक्षक अतिशेष हैं। शिक्षक खुद भी परीक्षा के ठीक पहले शुरू की गई अतिशेष प्रक्रिया पर भी रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। अक्टूबर, 2022 में बड़े स्तर पर शिक्षकों के तबादले हुए हैं। तबादले करते समय विभाग ने यह नहीं देखा कि शहरों में स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक तबादला करवा रहे हैं और आज हालात ऐसे बन गए हैं कि शहरों में शिक्षक अतिशेष हो गए हैं। अब अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर ट्रांसफर होकर आए टीचर्स को एडजस्ट करने का काम किया जा रहा है।
पुरानी शिक्षक क्यों, जो ट्रांसफर होकर आएं हैं उन्हें अतिशेष मानिए
शिक्षक इसका भी विरोध कर रहे हैं कि पुराने शिक्षकों को ही अतिशेष माना जा रहा है। जबकि वे खाली पद पर संबंधित स्कूल में आए थे। वे कहते हैं कि इसके बजाय स्कूल में हाल ही में पदस्थ शिक्षकों को अतिशेष की श्रेणी में रखा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें पद न होने पर भी पदस्थ किया गया है।
अतिशेष की सूची में दिव्यांग और बीमार भी
विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की सूची में दिव्यांग, एक साल में सेवानिवृत्त होने वाले और गंभीर बीमारी वाले शिक्षकों को भी शामिल किया है। जबकि प्रविधान यह है कि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग को अतिशेष मानकर नहीं हटाया जा सकता है। वहीं जिसकी एक साल नौकरी बची है और जो गंभीर बीमार है। उसे भी अतिशेष नहीं माना जा सकता है।
स्कूल शिक्षा मंत्री और कमिश्नर का स्पेशल इंटरेस्ट
कुछ जिला शिक्षा अधिकारियों ने अनऑफिशियल बातचीत के दौरान कहा कि इस प्रकार परीक्षा से पहले ना तो शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाते हैं और ना ही युक्तियुक्तकरण, लेकिन इस साल बात अलग है। ट्रांसफर के बाद हजारों शिक्षक एक्स्ट्रा में चले गए। स्कूलों में पद रिक्त नहीं थे और ट्रांसफर होकर उन्होंने ज्वाइन कर लिया था। ऐसी स्थिति में उनका वेतन जारी नहीं हुआ। अधिकारियों ने चुपके से बताया कि, ट्रांसफर होकर आई टीचर्स को प्रोटेक्ट करने के लिए सब कुछ किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस प्रक्रिया में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय श्री अभय वर्मा का स्पेशल इंटरेस्ट है।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।